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ਇਹ ਬਲੋਗ ੩੦ ਜਨਵਰੀ ੨੦੧੧ ਨੂੰ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤਾ ਗਿਆ।

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Saturday, April 25, 2015

उसके शारीरिक संकेतों को समझें

आमतौर पर ऐसा होता है कि आप किसी से बहुत पसंद करते हैं लेकिन इस दुविधा में है वो भी आपको पसंद करती है या नहीं? यह मुश्किल सिर्फ आपकी नहीं कई लोग ऐसे हैं जो इस समस्या से दो चार होते हैं। वो आपको चाहती है या पसंद करती है इसके बारे में जानने के लिए आपको उसके शारिरिक संकेतों को समझना होगा।

1) समझें इशारों की जुबां
लड़कियां अपनी जुबान से नहीं इशारों से बात करती हैं। वे आपसे भले ही खुलकर अपने दिल की बात न कहें, लेकिन उनके हाव.भाव उनके दिल की बात को बयां कर देते हैं। अगर आप उनसे बात आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो बहुत जरूरी है कि आप उसके शारीरिक संकेतों को समझें। लड़कियों को ऐसे लड़के बहुत पसंद होते हैं जब बिना कहे उनके दिल की जुबां को समझ जाते हैं।

2) लड़कियों के दिल की बात
अक्सर लड़कियां आपसे बातचीत के दौरन कई ऐसे संकेत देती हैं जिससे यह पता लगने लगता है कि वे आपके बारे में क्या सोचती हैं। छोटे-छोटे मगर महत्तवपूर्ण संकेतों के माध्यम से आप जान सकते है कि वह आपको पसंद करती है या सिर्फ दोस्त मानती है। यदि आपको उसकी तरफ से पसंद करने के संकेत मिल रहे है तो आप अपने रिश्ते को आगे बढाने की कोशिश करें।

3) बार-बार समय देखना
अगर कोई लड़की आपसे बातचीत के दौरान बार-बार घड़ी देखे तो इसका मतलब साफ है कि उसे आपकी बातों में दिलचस्पी नहीं है और वह आपकी बातों से बोर हो रही है। ऐसे मे आपको अपनी बातें बंद कर देनी चाहिए और उससे इसकी वजह पूछें।

4) आंखों में देखना
यदि कोई लड़की आपसे बातों के दौरान आपकी आंखों में आंखें डालकर बात करें तो इसका मतलब यह निकलता है कि वह आपको पसंद करती हैं और आपसे प्यार करने लगी है। साथी ही वह आप पर पूरा विश्वास करती है। वह आपके साथ रिशता बढ़ाना चाहती है।

5) नजरें झुकाना
जैसा कि हम सब जानते हैं शर्म लड़कियों का गहना होता है, इसलिए अगर बातचीत के दौरान वह आपकी ओर देखे और फिर नजरें झुका लें तो समझ जाएं कि वह आपकी और आकर्षित है और आपसे भी इसी आकषर्ण की उम्मीद करती है।

6) हाथों को कमर पर रखना
यदि कोई लड़की आपसे बातें करते समय अपने दोनों हाथों को अपनी कमर पर रखकर खड़ी है यह इस बात का संकेत है कि उसमें अधिकार की भावना है और वह आपको अपने अंडर रखना चाहती है। यदि वह एक हाथ कमर पर रखकर खडी है तो इसका मतलब है कि वह आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है। अगर वह हाथ बांधकर खडी होती है तो इसका मतलब हो सकता है कि उसे आपमें दिलचस्पी ना हो।

7) मुद्राएं बदलना
अगर बैठने के बाद वह बार-बार अपनी पोजीशन बदलती है तो इसका अर्थ है कि उसमें आत्मविश्वास की कमी है। या यह भी हो सकता है कि वह आपके सामने असहज महसूस कर रही हो। इसका अर्थ यह है कि वह आपसे रिश्ते को लेकर उलझन में है या दुविधा में है।

8) करीब आने की कोशिश
जब कोई लड़की आपको पसंद करती है, तो वह आपके करीब आने की कोशिश करेगी। ऑफिस या कॉलेज में वो किसा ना किसी काम के बहाने आपसे बात करने या बैठने की कोशिश करेगी। आपको उसकी इस इच्छा को समझते हुए अपने दिल बात कहने में देर नहीं करनी चाहिए।

9) अलग सा बनना
अगर कोई लड़की आपको पसंद करती है तो वो आपके सामने काफी अच्छे से पेश आएगी जैसे बोलने के अंदाज में बदलाव, स्वभाव में शर्मीलापन और हर बात पर मुस्कुराना। यह दिखाता कि वो भी आपको पसंद करने लगी है।

10) कांधे पर सिर रखना
अच्‍छे दोस्‍त साथ घूमते फिरते हैं, मस्‍ती करते हैं, फिल्‍में देखते हैं और शॉपिंग करते हैं। इसमें कुछ अलग नहीं। लेकिन, अगर इस दौरान वह बार-बार आपके कांधे पर सिर रखे, तो इससे कुछ समझा जा सकता है। खासतौर पर अगर फिल्‍म देखते समय वह आपके कांधे पर सिर रखे तो इसका अर्थ है यह है कि उसके दिल में आपके लिए कुछ खास है।

11) बालों से खेले
अगर कोई लड़की आपकी ओर आकर्षित है तो आपसे बात करते समय वह अपनी उंगलियों को बालों में फिराएगी। या फिर आंख के सामने आते बालों को बार-बार पीछे करेगी। अगर आप लड़की से बात कर रहे हैं और वह ऐसी मुद्रा बना रही है, तो इसका अर्थ है कि वह आपसे बात करते रहना चाहती है।

Monday, December 1, 2014

हर महिला को ये टेस्ट जरूर करवाना चाहिए

  • महिलाओं को मधुमेह की जांच अवश्य करानी चाहिए।
  • स्तन कैंसर महिलाओं के लिए गंभीर समस्या हो सकती है।
  • खुद को स्वस्थ रखने के लिए अपनी स्वास्थ्य जांच जरूर करवाएं।
  • खानपान का खास खयाल रखें जिससे बीमारियों से बचाव हो सके।
महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा कम सचेत रहती हैं जिसकी वजह से वे बीमारियों के चपेट में आसानी से आ जाती हैं। हर महिला को साल में एक बार कुछ जरूरी जांच अवश्य करानी चाहिए जिससे बीमारियों के शुरुआत में ही इसका पता चल जाए और इसका इलाज किया जा सके।

कुछ खास बीमारियों का खतरा महिलाओं को होता है जैसे स्तन कैंसर, हडिडयों से जुड़ी समस्या या थायराइड जिसकी जांच जरूरी है। इससे आप इन समस्याओं के गंभीर परिणाम से आसानी से बच सकती हैं। आइए जानें महिलाओं के लिए जरूरी जांच कौन सी हैं।  

स्तन कैंसर की जांच
महिलाओं को समय-समय पर अपने स्‍तनों की जांच करानी चाहिए। अगर आप खुद को स्तनों में किसी प्रकार परिवर्तन या गांठ महसूस हो तो तुरंत डॉक्‍टर से संपंर्क करें। इसके अलावा 40 से 50 साल के मध्‍य की महिला को हर 2 साल के बाद मैमोग्राफी जरूर करवानी चाहिए, खासकर तब जब आपके यहां परिवार के इतिहास में स्‍तन कैंसर पहले से हो चुका हो।

ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस जो महिलाओं की आम समस्‍या है। यह समस्‍या महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद कैल्शियम की कमी के कारण होती है। इस बीमारी में हड्डियां कमजोर हो जाती है। महिलाओं में कैल्शियम की कमी के कारण यह समस्या होती है और जब तक इस बीमारी का पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

मधुमेह
महिलाओं में 40 से 50 साल की उम्र में मधुमेह होने की आशंका अधिक होती है। मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसकी शिकार महिलाएं भी होती है। मधुमेह के दौरान शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है़ जिससे पेंक्रियाज सुचारू रूप से काम करना बंद कर देता है। इसलिए आपको साल में एक बार महिलाओं की ब्‍लड शुगर की जांच जरूर करवानी चाहिए।

एनीमिया
आमतौर पर महिलाओं में खून की कमी पाई जाती है। लेकिन अगर आपके घर की महिला अक्‍सर या नियमित रूप से थका-थका सा महसूस करती हैं या उन्‍हें सांस लेने में परेशानी होती है तो उसका एनीमिया परीक्षण जरूर करवाना चाहिए। इस टेस्‍ट से रक्त में आयरन और लाल कोशिकाओं के स्तर को मापने में मदद मिलती है।

डिप्रेशन
आजकल की जीवनशैली और आराम की कमी के कारण महिलाएं डिप्रेशन का शिकार हो जांती है। इसलिये डिप्रेशन को कम करने के लिए महिलाओं को स्‍क्रीनिंग टेस्‍ट करवाना बहुत जरूरी होता है। स्क्रीनिंग टेस्‍ट के दौरान डॉक्टर नींद की आदतों, जिन्दगी की परेशानियों, दबी हुई इच्‍छाओं और पसंदीदा एक्टिविटी आदि के बारे में सवाल पूछता है जिससे महिलाओं का डिप्रेशन कम होने लगता हैं।

हाइपोथायराइडिज्म
हाइपोथायराइडिज्म की समस्‍या लगभग हर दूसरी महिला पी‍ड़‍त होती है। यह बीमारी थायरॉक्सिन हार्मोन कम बनने के कारण होती। हाइपोथायराइडिज्म की समस्‍या किसी महिला को हैं या नहीं इसके लिए साल में एक बार टी.एस.एच. टेस्ट जरूर करवाएं। अगर आपका वजन बिना किसी कारण बढ़ता जा रहा है या उसे सर्दी, थकान, कब्ज की शिकायत लगातार बनी रहती हैं। तो यह लक्षण हाइपोथायराइडिज्म के हैं, ऐसे में जांच जरूर करवाएं।

Friday, August 15, 2014

शादी से पहले जरूर पूछें ये दस सवाल

शादी से पहले के सवाल
शादी दो लोगों के बीच प्‍यार, विश्वास और परस्‍पर तालमेल का रिश्‍ता है। इसलिए शादी से पहले कुछ महत्‍वपूर्ण सवालों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी होता है। आपको अपने होने वाले पार्टनर के स्‍वभाव के बारे में जानकारी होनी चाहिए। आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि क्‍या वह शादी के लिए तैयार है और उसके लिए शादी का क्‍या महत्‍व है। 

अगर आपकी भी शादी होने वाली है तो कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण सवालों के जवाब अपने होने वाले पार्टनर से जरूर पूछ लेने चाहिए, ताकि शादी के बाद किसी भी तरह का पछतावा न हो। आइए ऐसे ही कुछ सवालों के बारे में जानें।

१) शादी का महत्व
आजकल शादी से पहले लड़कों और लड़कियों को एक-दूसरे से बात करने का मौका मिलता है। इसलिए पहले ही सब सवालों के जवाब जान लेने चाहिए। इससे आपकी शादी की बुनियाद मजबूत हो जाती है। इसके लिए आप सबसे पहले स्‍वयं और अपने साथी से भी पूछिए कि 
वह शादी क्‍यों करना चाहता हैं? 
शादी का उसके जीवन में क्‍या महत्‍व है?

२) किसी तरह का दबाव तो नहीं है
क्‍या आपका साथी अपनी मर्जी से शादी कर रहा है या फिर उस पर कोई दबाव है। यह जरूर जान लें कि वह अपनी शादी से खुश तो है ना? साथ ही वह शादी के बाद आने वाली जिम्‍मेदारियों को निभाने के लिए मानसिक रूप से तैयार है अथवा नहीं, इस सवाल का जवाब भी जरूर पता करें।

३) अतीत से जुड़ें सवाल
शादी की जिम्‍मेदारियां निभाने के लिए जरूरी आपसी संबंधों का अच्‍छा होना जरूरी है। इसके लिए अपने अंदर उठने वाले सवालों के जवाब अपने होने वाले साथी से जरूर लें। आमतौर पर शादी से पहले ज्‍यादातर सभी एक-दूसरे के अतीत के बारे में जानना चाहते हैं। वह अपने उठने वाले इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं कि क्‍या उनका कोई से ब्वॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड तो नहीं था या है।

४) आर्थिक जिम्मेदारियों के बारे में सवाल
अच्‍छी लाइफस्‍टाइल के लिए पैसा बहुत जरूरी है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। इसलिए अपने भावी साथी से उनकी आर्थिक स्थिति पर बात करना न भूलें। साथ ही यह भी जान लें कि वह भविष्य में आर्थिक जिम्मेदारियों को कैसे पूरा करेगा। जिससे शादी के बाद कोई समस्या न आए।

५) घर-गृहस्थी से जुड़ें सवाल
पार्टनर से इस बारे में भी सवाल करें कि वह घर-गृहस्थी को कैसे संभालेगा। इस बारे में उसके मन में क्या विचार हैं? इसके अलावा साथी की परिवार नियोजन के विषय में क्या राय है। हनीमून को लेकर और भविष्‍य में बच्चों को लेकर उनकी क्या योजना है।

६) शादी और रोमांस से जुड़ें सवाल
शादी और रोमांस से जुड़ें सवाल भी सगाई होने से पहले पूछ लेने चाहिए, ताकि भविष्‍य में कोई परेशानी न हो। आप उनसे पूछिये कि शादी से पहले रोमांस और सेक्‍स के के बारे में आपका साथी क्या सोचता है। इसके अलावा उसके दोस्‍तों से कैसे संबंध है इसके बारे में भी जानकारी ले। यह जाने कि क्या‍ वह शादी के बाद भी दोस्तों से वैसे ही संबंध बनाए रखेगा, क्या दोस्तों के घर आना-जाना पहले की तरह होगा।

७) रूचियों के बारे में जानें
शादी से पहले अपने भावी साथी की रूचियों को जानने की कोशिश करें। जाने कि उसे किस तरह की बातें पसंद है, उसकी किन-किन चीजों में रूचि है, क्‍या उसे घूमना पसंद है, क्‍या उसे डेटिंग और रोमांस पसंद है या फिर वह गंभीर प्रवृत्ति का इंसान है, ऐसी सब बातें जानना आपके लिए बहुत जरूरी है।

८) लक्ष्यों की जानकारी
एक बेहद ही जरूरी सवाल जो हर किसी को शादी से पहले जानना चाहिए कि आपके साथी के जीवन का लक्ष्‍य क्‍या है। शादी से पहले एक-दूसरे के लक्ष्य के बारे में बातचीत करनी चाहिए और दोनों को एक-दूसरे के लक्ष्य का सम्मान करना चाहिए। आपके साथी का लक्ष्‍य जानकर आप अपने साथी के बारे में और अधिक जान सकते हैं और अपने बारे में बताना, भला किसे अच्छा नहीं लगता।

९) घरेलू भूमिकाओं के बारे में जानें
घर में अपनी भूमिका के बारे में बात करें। यदि घर में बच्‍चे हैं और आप दोनों काम करते हैं। तो बच्‍चों की जिम्‍मेदारियों को किस प्रकार संभाला जायेगा। शादी से पहले आप अपने भविष्य को किस तरह देखना चाहते हैं इस बारे में बात जरूर करें।

१०) स्‍वभाव की जानकारी
शादी से पहले अपने भावी साथी के स्‍वभाव और विचार के बारे में जानकारी लेना बहुत जरूरी होता है क्‍योंकि एक-दूसरे से विचार न मिलने से भविष्‍य में कई प्रकार की दिक्‍कतें आ सकती हैं। इसके कारण भविष्‍य में शादी भी टूट सकती है। इसलिए एक-दूसरे की बातों को जानना और उससे सहमत होना बहुत जरूरी होता है।

Tuesday, August 12, 2014

शादी तक सेक्‍स न करने के फायदे

शादी तक सेक्‍स का इंतजार
सभी धार्मिक कारणों को न भी मानें तो भी शादी से पहले सेक्‍स न करने के कई फायदे हैं। हममें से अधिकतर लोग इस मानसिकता के साथ जीते हैं कि सेक्‍स के बिना हमारा जीवन बोरिंग और परेशान करने वाला हो जाएगा। सेक्‍स आपके दोस्‍तों के बीच स्‍वीकार किये जाने की कसौटी बन गया है। हम आपको बता दें कि सेक्‍स को कई बार गैरजरूरी रूप से महिमामंडित किया गया है। अगर हम सोचें तो शादी तक सेक्‍स का इंतजार करना वास्‍तव में आपके लिए काफी मददगार हो सकता है।

आश्‍वस्‍त होना है जरूरी
किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाने से पहले यह बात पूरी तरह से तय कर लेनी जरूरी है कि वह आपके लिए बिलकुल ठीक है। एक बार संभोग करने के बाद उसे बदला नहीं जा सकता है। कई बार संबंध बनाने के बाद हमें अपराध बोध होता है, तो इसलिए जरूरी है कि जब तक पूरी तरह से आश्‍वस्‍त न हों, तब तक शारीरिक संबंध न ही बनाना बेहतर होगा। और अगर आप आश्‍वस्‍त नहीं हैं, तो ऐसा न करें। आपको बाद में अपनी यह बात सही ही लगेगी।

उत्‍सुकता बनी रहती है
जब आप अच्‍छी चीजें सही समय पर करते हैं, तो उसका आनंद ही अलग होता है। जब आप सेक्‍स पहले कर लेते हैं, तो इसे लेकर कोई उत्‍सुकता नहीं रहती। तो अगर सेक्‍स न करने से आपकी उत्‍सुकता बढ़ती रहती है, तो बेहतर है कि शादी तक सेक्‍स न किया जाए। आपकी सारी उत्‍सुकता सुहाग रात के लिए बचा रखिये।

किशोर गर्भावस्‍था से बचाये
शादी से पहले सेक्‍स न करने से आप किशोर गर्भावस्‍था से बची रहती हैं। इससे आपको अनचाहे गर्भ के खतरे से निजात मिलती है। हालांकि बाजार में गर्भनिरोध के कई उपाय मौजूद हैं, लेकिन कई बार वे भी पूरी तरह सक्षम नहीं होते। इसके साथ ही यह गर्भ धारण करना आपको भावनात्‍मक रूप से भी तोड़ सकता है।

प्रतिबद्धता
खैर यह बात आपके लिए सुकून लेकर आ सकती है। शादी से पहले सेक्‍स न करके आप कई परेशानियों को टाल सकते हैं। अगर आप किसी के साथ बिना शारीरिक संबंध बनाये डेट कर रहे हैं और वह रिश्‍ता सही नहीं चल रहा है, तो आपके लिए उससे बाहर आना आसान होता है। जब पूरी प्रतिबद्धता की बात न हो, तो आमतौर पर रिश्‍ता समाप्‍त करने में समस्‍यायें नहीं आतीं। लेकिन शारीरिक संबंधों के साथ ही भावनात्‍मक जुड़ाव भी होता है और ऐसे रिश्‍ते से बाहर आना कई बार मुश्किल हो जाता है।

साथी के साथ गहरा संबंध
जब आप यह समझ जाते हैं आपने एक दूसरे के लिए खुद को संभाल रखा है, तो आप समझ पाते हैं कि इससे आपकी शादी को नये मायने मिलते हैं। इससे आपके साथी के साथ मजबूत और गहरा संबंध बन जाता है। और आपके बीच मौजूद प्‍यार शादी को मजबूत बनाता है। यह काफी खूबसूरत लम्‍हा होता है।

सेक्‍स से भरपूर शादीशुदा जीवन
क्‍योंकि आपने इसके लिए अपनी शादी तक इंतजार किया है, शादी के बिना आपकी सेक्‍स लाइफ काफी तेजी से चलेगी। अब आप अपनी सारी आकांक्षायें पूरी कर सकते हैं। और तो और, आपको संबंध बनाने से पहले पुनर्विचार करने की जरूरत नहीं है, वह व्‍यक्ति आप ही का है, आपका जीवनसाथी। और वो पुरानी कहावत भी है कि सब्र का फल मीठा होता है।

आत्‍म-सम्‍मान
अपने आप को और अपने शरीर को सम्‍मान देना काफी जरूरी है। इसलिए यह ध्‍यान रखना जरूरी है कि आप जिस व्‍यक्ति के साथ संबंध बना रहे/रही हैं, वह आपके लिए महत्‍वपूर्ण होना चाहिए। केवल शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ही सेक्‍स संबंध नहीं बनाने चाहिए। इन दिनों कई लोग सेक्‍स को प्रतिक्रियात्‍मक क्रिया के रूप में देखते हैं, जो सही नहीं है। तो सही व्‍यकित का इंतजार कीजिए और उसी के साथ संबंध बनाइए। आपको यह मलाल नहीं होना चाहिए कि आपने गलत व्‍यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाकर स्‍वयं को दुखी किया।

बच्‍चों के लिए अच्‍छा उदाहरण
हम केवल आपके बच्‍चों की ही बात नहीं कर रहे, बल्कि अगली पूरी पीढ़ी की बात कर रहे हैं। समाज सेक्‍स को लेकर खुल रहा है और लोग अपनी सेक्‍सुलिटी के बारे में खुलकर बात कर रहे है। यह चलन धीरे-धीरे बिना सोच विचार के सेक्‍स संबंध बनाने में तब्‍दील हो रहा है। यदि आप अपने बच्‍चों को शादी तक सेक्‍स न करने का रास्‍ता दिखा रहे हैं, तो इसे आने वाली पीढ़ी के लिए सही कदम ही माना जाएगा।

झूठे प्‍यार से रहेंगे दूर
सेक्‍स के लिए एक दूसरे के साथ भावनात्‍मक जुड़ाव होना बहुत जरूरी होता है। यह एक-दूसरे के लिए प्रेम को दर्शाने का शारीरिक तरीका माना जाता है। लेकिन, आज के दौर में प्रेम केवल शरीर तक ही सीमित रह गया है। कई महिलायें और पुरुष दोनों ही प्रेम को अपनी शारीरिक जरूरत पूरी करने का तरीका मानते हैं। हर चलन हर शहर, हर गांव में देखा जा रहा है, और अगर आप इससे दूर रहेंगे तो आपका ही फायदा है। याद रखिए, ऐसे संबंध अधिक नहीं चलते।

यौन रोगों से बचाए
आखिर में, सेक्‍स में प्रति लापरवाही आपको यौन रोग होने का खतरा काफी बढ़ा देती है। जवानी के जोश में आप कंडोम को अधिक महत्‍व नहीं होते, उस समय आपकी प्राथमिकता अपनी शारीरिक आकांक्षाओं को पूरा करना होता है। और यही लापरवाही कई बार गंभीर बीमारियां दे सकता है।

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ਗਰਭ ਅਵਸਥਾ ਵੇਲੇ ਤੇ ਆਪਣਾ ਖਿਆਲ ਰੱਖ ਲਵੋ - ਪਤਵੰਤ ਕੌਰ ਸੇਖੋਂ

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ਮਾਂ ਦਾ ਦੁੱਧ ਬੱਚੇ ਲਈ ਅੰਮ੍ਰਿਤ - ਸਰਿਤਾ ਸ਼ਰਮਾ

ਗਰਭ ਕਾਲ ‘ਚ ਨਾ ਰੱਖੋ ਵਰਤ ਅਤੇ ਨਾ ਲਵੋ ‘ਵਿਟਾਮਿਨ ਏ’

Wednesday, January 11, 2012

ਰਿਸ਼ਤਾ ਤੈਅ ਕਰਨ ਜਾ ਰਹੇ ਹੋ? - ਡੀ. ਆਰ. ਬੰਦਨਾ

ਜਦੋਂ ਵੀ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਕੁੜੀ ਜਾਂ ਮੁੰਡੇ ਦਾ ਕਿਤੇ ਰਿਸ਼ਤਾ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਅੰਦਰੋਂ ਬਹੁਤ ਡਰਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਕਿਤੇ ਗਲਤ ਚੋਣ ਹੋ ਗਈ ਜਾਂ ਮੁੰਡਾ-ਕੁੜੀ ਸਹੀ ਨਾ ਮਿਲਿਆ ਤਾਂ ਦੋਵਾਂ ਘਰਾਂ ਦੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਨਰਕ ਬਣਨ ਨੂੰ ਦੇਰ ਨਹੀਂ ਲੱਗੇਗੀ ਜਾਂ ਫਿਰ ਰਿਸ਼ਤੇਦਾਰ ਹੀ ਮਾੜੇ ਜੁੜ ਜਾਣ ਤਾਂ ਜਿਉਂਦੇ ਜੀਅ ਨਰਕ ਭੋਗਣ ਵਰਗੀ ਹਾਲਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਕੁੜੀ-ਮੁੰਡੇ ਦਾ ਰਿਸ਼ਤਾ ਪੱਕਾ ਹੋਣਾ ਦੋ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਦਾ ਉਹ ਪਵਿੱਤਰ ਰਿਸ਼ਤਾ ਬਣਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਅਟੁੱਟ ਰਿਸ਼ਤਾ ਸਾਬਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਪਰ ਜੇ ਕਿਤੇ ਪਹਿਲਾਂ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਲੁਕੋ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ ਜਾਂ ਕੋਈ ਗ਼ਲਤੀ ਨੂੰ ਬੇਧਿਆਨਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਖਮਿਆਜ਼ਾ ਬਹੁਤ ਬੁਰਾ ਭੁਗਤਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ। ਅਗਰ ਰਿਸ਼ਤਾ ਕਰਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਗੱਲਾਂ ਵੱਲ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿੰਨਾ ਵੀ ਧਿਆਨ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕਾਫੀ ਹੱਦ ਤੱਕ ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਨੂੰ ਬਰਬਾਦ ਹੋਣੋਂ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ-
• ਰਿਸ਼ਤਾ ਪੱਕਾ ਕਰਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਇਹ ਦੇਖੋ ਕਿ ਕੋਈ ਵਿਅਕਤੀ ਜੋ ਤੁਹਾਡੇ ਕਾਫੀ ਨੇੜੇ ਹੋਵੇ ਤੇ ਪੂਰਾ ਭਰੋਸੇ ਵਾਲਾ ਹੋਵੇ, ਉਸ ਰਾਹੀਂ ਮੁੰਡੇ ਜਾਂ ਕੁੜੀ ਦੀ ਰੋਜ਼ਮਰ੍ਹਾ ਦੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਬਾਰੇ ਘੋਖਿਆ ਜਾਵੇ, ਉਸ ਦਾ ਚਰਿੱਤਰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਹੈ? ਸੁਭਾਅ ਪੱਖੋਂ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਹੈ? ਉਸ ਦਾ ਖਾਣ-ਪੀਣ, ਬੋਲ-ਚਾਲ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਹੈ? ਰਿਸ਼ਤਾ ਕਰਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਜੋ ਉਸ ਬਾਰੇ ਦੱਸਿਆ ਗਿਆ ਹੈ, ਕੀ ਉਹ ਉਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਹੈ ਜਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕੁਝ ਹੈ ਤੇ ਉਹ ਕੁਝ ਹੋਰ ਹੈ? ਉਸ ਦੀ ਪੜ੍ਹਾਈ ਜਾਂ ਕਿੱਤੇ ਬਾਰੇ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਿਰੀਖਣ ਕਰਕੇ ਹੀ ਅੱਗੇ ਤੁਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।

• ਇਹ ਗੱਲ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਮਨ 'ਚ ਬਿਠਾ ਲਓ ਕਿ ਕਦੇ ਵੀ ਮੁੰਡੇ ਜਾਂ ਕੁੜੀ ਦੀਆਂ ਕਮੀਆਂ ਨੂੰ ਲੁਕਾਉਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਨਾ ਕਰੋ। ਅਗਰ ਰਿਸ਼ਤਾ ਕਰਨ ਵੇਲੇ ਤੁਸੀਂ ਝੂਠ ਬੋਲ ਕੇ ਮੁੰਡੇ ਜਾਂ ਕੁੜੀ ਦੀਆਂ ਕਮੀਆਂ 'ਤੇ ਪਰਦਾ ਪਾਓਗੇ ਤਾਂ ਯਾਦ ਰੱਖੋ, ਘਰ ਕਦੇ ਨਹੀਂ ਵਸੇਗਾ।

• ਅਗਰ ਰਿਸ਼ਤਾ ਪੱਕਾ ਵੀ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਮੁੰਡੇ-ਕੁੜੀ ਨੂੰ ਕੁਝ ਸਮਾਂ ਇਕੱਲਿਆਂ ਬੈਠ ਕੇ ਗੱਲਬਾਤ ਕਰਨ ਲਈ ਸਾਰਿਆਂ ਤੋਂ ਅਲੱਗ ਬਿਠਾਇਆ ਜਾਵੇ, ਜਿਸ ਵਿਚ ਦੋਵਾਂ ਦੇ ਦਿਲਾਂ ਦੇ ਕਈ ਭੁਲੇਖੇ ਦੂਰ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ।

• ਮੁੰਡਾ ਜਾਂ ਕੁੜੀ ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਜੀਵਨ ਸਾਥੀ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹੋਣ, ਉਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਹੀ ਚੁਣਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਆਪਣੀ ਮਰਜ਼ੀ ਜਾਂ ਦਬਕਾ ਮਾਰ ਕੇ ਗੱਡੇ ਨਾਲ ਕੱਟਾ ਨਹੀਂ ਬੰਨ੍ਹਣਾ ਚਾਹੀਦਾ।

• ਰਿਸ਼ਤਾ ਪੱਕਾ ਕਰਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰੋ ਕਿ ਦੋਵਾਂ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਬਾਰੇ ਜਿੰਨੀ ਵੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਮਿਲ ਸਕੇ, ਓਨੀ ਹੀ ਵਧੀਆ ਹੈ।

• ਰਿਸ਼ਤਾ ਪੱਕਾ ਕਰਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਇਹ ਦੇਖ ਲੈਣਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਕੁੜੀ ਦਾ ਸਹੁਰਾ ਪਰਿਵਾਰ ਲਾਲਚੀ ਕਿਸਮ ਦਾ ਤਾਂ ਨਹੀਂ? ਉਹ ਬਹੁਤਾ ਲੈਣ ਦੇ ਤਾਂ ਨਹੀਂ ਭੁੱਖੇ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸੋਚ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਹੈ?

ਇਨ੍ਹਾਂ ਗੱਲਾਂ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਵਿਚ ਰੱਖ ਕੇ ਰਿਸ਼ਤਾ ਪੱਕਾ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕਾਫੀ ਹੱਦ ਤੱਕ ਰਿਸ਼ਤਾ ਸਫਲ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ।
-511, ਖਹਿਰਾ ਇਨਕਲੇਵ, ਜਲੰਧਰ-144007
ਧੰਨਵਾਦ ਸਾਹਿਤ ਅਜੀਤ ਜਲੰਧਰ 'ਚੋਂ 05.01.2012

ਕੁਝ ਗੱਲਾਂ ਜ਼ਰੂਰ ਸਿਖਾਓ ਵਿਆਹੁਣ ਵਾਲੀ ਬੇਟੀ ਨੂੰ - ਨੀਤੂ ਗੁਪਤਾ

• ਬੇਟੀ ਨੂੰ ਇਹ ਸਮਝਾਓ ਕਿ ਲੜਕੇ ਦੇ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਹੁਣ ਉਸ ਦੇ ਵੀ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਉਹ ਪੂਰਾ ਸਨਮਾਨ ਤੇ ਸਨੇਹ ਦੇਵੇ, ਜਿਵੇਂ ਉਹ ਆਪਣੇ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਨੂੰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ।

• ਉਸ ਨੂੰ ਇਹ ਦੱਸੋ ਕਿ ਆਪਣੇ ਸਦ-ਵਿਹਾਰ ਨਾਲ ਹੀ ਉਹ ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਮੈਂਬਰਾਂ ਦਾ ਦਿਲ ਜਿੱਤ ਸਕਦੀ ਹੈ।

• ਆਪਣੀ ਲਾਡਲੀ ਨੂੰ ਇਹ ਵੀ ਦੱਸੋ ਕਿ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਹ ਸਹੁਰੇ ਘਰ ਦੇ ਰੀਤੀ-ਰਿਵਾਜਾਂ ਨੂੰ ਹੀ ਅਪਣਾਵੇ। ਸਾਡੇ ਪੇਕੇ ਵਿਚ ਇਹ ਰਿਵਾਜ ਹੈ, ਇਸ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਨਾ ਕਰੇ।

• ਸਹੁਰੇ ਘਰ ਵਿਚ ਲੜਕੀ ਨੂੰ ਮਿੱਠੀ ਤੇ ਧੀਮੀ ਆਵਾਜ਼ ਵਿਚ ਗੱਲ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ, ਉਸ ਨੂੰ ਇਹ ਗੁਣ ਜ਼ਰੂਰ ਦੱਸੋ।

• ਬੇਟੀ ਨੂੰ ਇਹ ਵੀ ਸਿਖਾਓ ਕਿ ਨੂੰਹ ਬਣਨ 'ਤੇ ਉਸ ਨੂੰ ਦੋਵਾਂ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਇਕ ਪੁਲ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਨਾ ਪੈਣਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਵੀ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਹੈ ਕਿ ਪੁਲ ਵਿਚ ਦਰਾੜ ਨਾ ਪਵੇ।

• ਬੇਟੀ ਨੂੰ ਘਰ ਦੇ ਕੰਮਾਂ ਵਿਚ ਤਜਰਬੇਕਾਰ ਬਣਾਓ ਤਾਂ ਕਿ ਉਸ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸ਼ਰਮਿੰਦਗੀ ਨਾ ਝੱਲਣੀ ਪਵੇ ਅਤੇ ਉਸ ਨੂੰ ਸਮਝਾਓ ਕਿ ਘਰ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਨ ਵਿਚ ਕੋਈ ਬੁਰਾਈ ਨਹੀਂ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਕੰਮ ਕਰਨ ਵਿਚ ਝਿਜਕੇ ਨਾ।

• ਬੇਟੀ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਨਾਲ ਲਿਆਂਦੇ ਤੋਹਫਿਆਂ ਤੇ ਭੌਤਿਕ ਸੁਖ-ਸਹੂਲਤਾਂ ਦੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ 'ਤੇ ਘੁਮੰਡ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਹੋਰ ਮੈਂਬਰ ਵੀ ਵਰਤੋਂ ਵਿਚ ਲਿਆ ਸਕਦੇ ਹਨ, ਅਜਿਹੀਆਂ ਭਾਵਨਾਵਾਂ ਬੇਟੀ ਨੂੰ ਦਿਓ।

• ਆਪਣੇ ਰੂਪ, ਖੂਬਸੂਰਤੀ ਅਤੇ ਆਪਣੀ ਪ੍ਰਤਿਭਾ 'ਤੇ ਹੰਕਾਰ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ।

• ਪਤੀ ਤੇ ਪਰਿਵਾਰ ਪ੍ਰਤੀ ਸੱਚੇ ਤੇ ਇਮਾਨਦਾਰ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਪਤੀ ਦੀ ਹਮਸਫਰ ਬਣ ਕੇ ਰਹੋ, ਸ਼ਾਸਕ ਬਣ ਕੇ ਨਹੀਂ।

• ਦਿਓਰ, ਜੇਠ-ਜੇਠਾਣੀ, ਨਣਾਨ ਆਦਿ ਸਾਰੇ ਉਸ ਦੇ ਨਜ਼ਦੀਕੀ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਮਰਿਆਦਾ ਅਨੁਸਾਰ ਸੰਪਰਕ ਕਰੋ।

• ਸਹੁਰੇ ਘਰ ਦੇ ਮਿੱਤਰਾਂ ਤੇ ਸਬੰਧੀਆਂ ਪ੍ਰਤੀ ਸੀਮਤ ਵਿਹਾਰ ਰੱਖੋ।

• ਪਰਿਵਾਰ ਵਿਚ ਕਿਸੇ ਵੀ ਕਮੀ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਧੀਰਜ ਤੋਂ ਕੰਮ ਲਓ। ਜਲਦਬਾਜ਼ੀ ਨਾਲ ਗੱਲ ਵਿਗੜਦੀ ਹੈ। ਗੱਲ ਨੂੰ ਵਿਗਾੜਨਾ ਨਹੀਂ, ਸਮੇਟਣਾ ਸਿਖਾਓ।

• ਪਤੀ-ਪਤਨੀ ਵਿਚਕਾਰ ਆਏ ਮਤਭੇਦਾਂ ਦੀ ਚਰਚਾ ਨਾ ਕਰੋ। ਉਸ ਨੂੰ ਪ੍ਰੇਮ ਤੇ ਧੀਰਜ ਨਾਲ ਦੂਰ ਕਰਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰੋ। ਗੱਲ ਜ਼ਿਆਦਾ ਵਿਗੜ ਰਹੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਆਪਣੇ ਕਿਸੇ ਵਿਸ਼ਵਾਸਪਾਤਰ ਤੋਂ ਸਲਾਹ ਲਓ।

• ਬੇਟੀ ਨੂੰ ਸਮਝਾਓ ਕਿ ਗ਼ਲਤੀ ਹੋਣ 'ਤੇ ਉਸ ਨੂੰ ਸੁਧਾਰਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰੋ, ਨਾ ਕਿ ਮੂੰਹ ਫੁਲਾ ਕੇ ਬੈਠ ਜਾਓ।

• ਬੇਟੀ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕਿਤੇ ਆਉਣ-ਜਾਣ ਲਈ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਤੇ ਪਤੀ ਤੋਂ ਜ਼ਰੂਰ ਪੁੱਛੇ।

• ਚੰਗੇ ਸੰਸਕਾਰਾਂ ਨਾਲ ਬੇਟੀ ਨੂੰ ਵਿਦਾ ਕਰੋ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਉਸ ਦਾ ਅਤੇ ਆਪਣਾ ਜੀਵਨ ਸੁਖਮਈ ਬਣਿਆ ਰਹੇ।

ਧੰਨਵਾਦ ਸਾਹਿਤ ਅਜੀਤ ਜਲੰਧਰ 'ਚੋਂ 24.11.2011

Monday, November 28, 2011

ਕੁਝ ਗੱਲਾਂ ਜ਼ਰੂਰ ਸਿਖਾਓ ਵਿਆਹੁਣ ਵਾਲੀ ਬੇਟੀ ਨੂੰ - ਨੀਤੂ ਗੁਪਤਾ

• ਬੇਟੀ ਨੂੰ ਇਹ ਸਮਝਾਓ ਕਿ ਲੜਕੇ ਦੇ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਹੁਣ ਉਸ ਦੇ ਵੀ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਉਹ ਪੂਰਾ ਸਨਮਾਨ ਤੇ ਸਨੇਹ ਦੇਵੇ, ਜਿਵੇਂ ਉਹ ਆਪਣੇ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਨੂੰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ।

• ਉਸ ਨੂੰ ਇਹ ਦੱਸੋ ਕਿ ਆਪਣੇ ਸਦ-ਵਿਹਾਰ ਨਾਲ ਹੀ ਉਹ ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਮੈਂਬਰਾਂ ਦਾ ਦਿਲ ਜਿੱਤ ਸਕਦੀ ਹੈ।

• ਆਪਣੀ ਲਾਡਲੀ ਨੂੰ ਇਹ ਵੀ ਦੱਸੋ ਕਿ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਹ ਸਹੁਰੇ ਘਰ ਦੇ ਰੀਤੀ-ਰਿਵਾਜਾਂ ਨੂੰ ਹੀ ਅਪਣਾਵੇ। ਸਾਡੇ ਪੇਕੇ ਵਿਚ ਇਹ ਰਿਵਾਜ ਹੈ, ਇਸ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਨਾ ਕਰੇ।

• ਸਹੁਰੇ ਘਰ ਵਿਚ ਲੜਕੀ ਨੂੰ ਮਿੱਠੀ ਤੇ ਧੀਮੀ ਆਵਾਜ਼ ਵਿਚ ਗੱਲ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ, ਉਸ ਨੂੰ ਇਹ ਗੁਣ ਜ਼ਰੂਰ ਦੱਸੋ।

• ਬੇਟੀ ਨੂੰ ਇਹ ਵੀ ਸਿਖਾਓ ਕਿ ਨੂੰਹ ਬਣਨ 'ਤੇ ਉਸ ਨੂੰ ਦੋਵਾਂ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਇਕ ਪੁਲ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਨਾ ਪੈਣਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਵੀ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਹੈ ਕਿ ਪੁਲ ਵਿਚ ਦਰਾੜ ਨਾ ਪਵੇ।

• ਬੇਟੀ ਨੂੰ ਘਰ ਦੇ ਕੰਮਾਂ ਵਿਚ ਤਜਰਬੇਕਾਰ ਬਣਾਓ ਤਾਂ ਕਿ ਉਸ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸ਼ਰਮਿੰਦਗੀ ਨਾ ਝੱਲਣੀ ਪਵੇ ਅਤੇ ਉਸ ਨੂੰ ਸਮਝਾਓ ਕਿ ਘਰ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਨ ਵਿਚ ਕੋਈ ਬੁਰਾਈ ਨਹੀਂ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਕੰਮ ਕਰਨ ਵਿਚ ਝਿਜਕੇ ਨਾ।

• ਬੇਟੀ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਨਾਲ ਲਿਆਂਦੇ ਤੋਹਫਿਆਂ ਤੇ ਭੌਤਿਕ ਸੁਖ-ਸਹੂਲਤਾਂ ਦੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ 'ਤੇ ਘੁਮੰਡ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਹੋਰ ਮੈਂਬਰ ਵੀ ਵਰਤੋਂ ਵਿਚ ਲਿਆ ਸਕਦੇ ਹਨ, ਅਜਿਹੀਆਂ ਭਾਵਨਾਵਾਂ ਬੇਟੀ ਨੂੰ ਦਿਓ।

• ਆਪਣੇ ਰੂਪ, ਖੂਬਸੂਰਤੀ ਅਤੇ ਆਪਣੀ ਪ੍ਰਤਿਭਾ 'ਤੇ ਹੰਕਾਰ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ।

• ਪਤੀ ਤੇ ਪਰਿਵਾਰ ਪ੍ਰਤੀ ਸੱਚੇ ਤੇ ਇਮਾਨਦਾਰ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਪਤੀ ਦੀ ਹਮਸਫਰ ਬਣ ਕੇ ਰਹੋ, ਸ਼ਾਸਕ ਬਣ ਕੇ ਨਹੀਂ।

• ਦਿਓਰ, ਜੇਠ-ਜੇਠਾਣੀ, ਨਣਾਨ ਆਦਿ ਸਾਰੇ ਉਸ ਦੇ ਨਜ਼ਦੀਕੀ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਮਰਿਆਦਾ ਅਨੁਸਾਰ ਸੰਪਰਕ ਕਰੋ।

• ਸਹੁਰੇ ਘਰ ਦੇ ਮਿੱਤਰਾਂ ਤੇ ਸਬੰਧੀਆਂ ਪ੍ਰਤੀ ਸੀਮਤ ਵਿਹਾਰ ਰੱਖੋ।

• ਪਰਿਵਾਰ ਵਿਚ ਕਿਸੇ ਵੀ ਕਮੀ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਧੀਰਜ ਤੋਂ ਕੰਮ ਲਓ। ਜਲਦਬਾਜ਼ੀ ਨਾਲ ਗੱਲ ਵਿਗੜਦੀ ਹੈ। ਗੱਲ ਨੂੰ ਵਿਗਾੜਨਾ ਨਹੀਂ, ਸਮੇਟਣਾ ਸਿਖਾਓ।

• ਪਤੀ-ਪਤਨੀ ਵਿਚਕਾਰ ਆਏ ਮਤਭੇਦਾਂ ਦੀ ਚਰਚਾ ਨਾ ਕਰੋ। ਉਸ ਨੂੰ ਪ੍ਰੇਮ ਤੇ ਧੀਰਜ ਨਾਲ ਦੂਰ ਕਰਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰੋ। ਗੱਲ ਜ਼ਿਆਦਾ ਵਿਗੜ ਰਹੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਆਪਣੇ ਕਿਸੇ ਵਿਸ਼ਵਾਸਪਾਤਰ ਤੋਂ ਸਲਾਹ ਲਓ।

• ਬੇਟੀ ਨੂੰ ਸਮਝਾਓ ਕਿ ਗ਼ਲਤੀ ਹੋਣ 'ਤੇ ਉਸ ਨੂੰ ਸੁਧਾਰਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰੋ, ਨਾ ਕਿ ਮੂੰਹ ਫੁਲਾ ਕੇ ਬੈਠ ਜਾਓ।

• ਬੇਟੀ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕਿਤੇ ਆਉਣ-ਜਾਣ ਲਈ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਤੇ ਪਤੀ ਤੋਂ ਜ਼ਰੂਰ ਪੁੱਛੇ।

• ਚੰਗੇ ਸੰਸਕਾਰਾਂ ਨਾਲ ਬੇਟੀ ਨੂੰ ਵਿਦਾ ਕਰੋ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਉਸ ਦਾ ਅਤੇ ਆਪਣਾ ਜੀਵਨ ਸੁਖਮਈ ਬਣਿਆ ਰਹੇ।

ਧੰਨਵਾਦ ਸਾਹਿਤ ਅਜੀਤ ਜਲੰਧਰ 'ਚੋਂ 24.11.2011

Tuesday, October 4, 2011

ਵਿਆਹ ਦੀ ਤਿਆਰੀ ਕਿਵੇਂ ਕਰੀਏ? - ਸੰਜੀਵਨ ਚੌਧਰੀ 'ਗੋਲਡੀ'

ਘਰ ਵਿਚ ਵਿਆਹ ਦਾ ਸਮਾਗਮ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਮਨ ਵਿਚ ਹੜਬੜਾਹਟ ਨਾ ਹੋਵੇ, ਅਜਿਹਾ ਹੋ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸਕਦਾ। ਖਾਸਕਰ ਲੜਕੀ ਦੇ ਵਿਆਹ ਸਮੇਂ ਘਰ ਦੀਆਂ ਔਰਤਾਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਤਣਾਅ ਵਿਚ ਆ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ। ਅਸਲ ਵਿਚ ਵਿਆਹ ਦਾ ਸਮਾਗਮ ਇਕ ਚੁਣੌਤੀਪੂਰਨ ਕੰਮ ਹੈ ਅਤੇ ਸਾਰੇ ਪਰਿਵਾਰਕ ਮੈਂਬਰ ਇਹੀ ਪ੍ਰਾਰਥਨਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ਕਿ ਸਾਰਾ ਕੁਝ ਠੀਕ-ਠਾਕ ਹੋ ਜਾਵੇ ਪਰ ਤਜਰਬਾ ਨਾ ਹੋਣਾ ਅਤੇ ਤਣਾਅ ਕਾਰਨ ਵਿਆਹ ਦਾ ਸਮਾਗਮ ਥਕਾਵਟ ਅਤੇ ਚਿੰਤਾ ਛੱਡ ਜਾਂਦਾ ਹੈ।

ਜੇਕਰ ਕੁੜੀ ਜਾਂ ਮੁੰਡੇ ਦੇ ਵਿਆਹ ਦੀ ਤਰੀਕ ਤੈਅ ਹੋ ਗਈ ਹੈ ਤਾਂ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਪਰਿਵਾਰਕ ਮੈਂਬਰਾਂ ਦੀ ਇਕ ਸਾਂਝੀ ਬੈਠਕ ਕਰਕੇ ਸੰਪੂਰਨ ਵਿਆਹ ਦੇ ਸਮਾਗਮ ਦੀ ਤਿਆਰੀ ਲਈ ਯੋਜਨਾ ਬਣਾ ਕੇ ਰੂਪ-ਰੇਖਾ ਨੂੰ ਅੰਤਿਮ ਰੂਪ ਦੇ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਘਰ ਵਿਚ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਰੰਗ-ਰੋਗਨ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਵਾ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਬੁੱਕ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਸਾਮਾਨ, ਸਥਾਨ ਅਤੇ ਟੈਂਟ ਆਦਿ ਨੂੰ ਪਹਿਲਾਂ ਪੈਸਾ ਦੇ ਕੇ ਬੁੱਕ ਕਰ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਟੈਂਟ ਦਾ ਸਾਮਾਨ, ਬੈਂਡ, ਡੀ. ਜੇ., ਹਲਵਾਈ, ਫੋਟੋਗ੍ਰਾਫਰ ਅਤੇ ਹੋਰ ਸਜਾਵਟ ਦੇ ਸਾਮਾਨ ਨੂੰ ਕਾਫੀ ਪਹਿਲਾਂ ਬੁੱਕ ਕਰਵਾਉਣ ਨਾਲ ਤੁਹਾਨੂੰ ਵਿਆਹ ਦੇ ਸਮੇਂ ਭੱਜ-ਦੌੜ ਨਹੀਂ ਕਰਨੀ ਪਵੇਗੀ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਵਾਧੂ ਧਨ ਦੇਣਾ ਪਵੇਗਾ।

ਵਿਆਹ ਦੇ ਸਥਾਨ ਨੂੰ ਬੁੱਕ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਇਹ ਸਾਵਧਾਨੀ ਵਰਤਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਰਿਹਾਇਸ਼ ਤੋਂ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ 'ਤੇ ਹੈ ਅਤੇ ਉਥੇ ਹੋਰ ਸਾਰੀਆਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਸਹੂਲਤਾਂ ਮੌਜੂਦ ਹਨ ਜਾਂ ਨਹੀਂ। ਬੁਕਿੰਗ ਕਰਵਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਸੱਦਾ ਕਿਸ-ਕਿਸ ਨੂੰ ਦੇਣਾ ਹੈ, ਇਸ ਦੀ ਸੂਚੀ ਬਣਾ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ। ਸੱਦਾ-ਪੱਤਰ ਛਪਵਾ ਕੇ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਡਾਕ ਵਾਲੇ ਜਾਂ ਕੋਰੀਅਰ ਵਾਲੇ ਸਹੀ ਪਤੇ 'ਤੇ ਭੇਜ ਦੇਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ। ਔਰਤਾਂ ਨੂੰ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਮਰਦਾਂ ਨੂੰ ਘਰ ਤੋਂ ਬਾਹਰਲੇ ਕੰਮ ਸੌਂਪ ਕੇ ਖੁਦ ਘਰ ਦੇ ਸਾਮਾਨ ਦਾ ਵਰਗੀਕਰਨ ਵਿਆਹ ਵਿਚ ਉਪਯੋਗਤਾ ਦੇ ਹਿਸਾਬ ਨਾਲ ਕਰਨ। ਸਾਮਾਨ ਅਤੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਦੀ ਖਰੀਦਦਾਰੀ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਮਹੀਨਾ, ਦੋ ਮਹੀਨੇ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਕਰ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ। ਕਿਤੇ ਅਜਿਹਾ ਨਾ ਹੋਵੇ ਕਿ ਮਹਿਮਾਨ ਘਰ ਬੈਠੇ ਹੋਣ ਅਤੇ ਤੁਸੀਂ ਖਰੀਦਦਾਰੀ ਕਰਨ ਚਲੇ ਜਾਓ।

ਰੰਗ-ਰੋਗਨ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਘਰ ਦਾ ਸਾਮਾਨ ਸਹੀ ਢੰਗ ਨਾਲ ਲਗਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਵਰਤੋਂ ਵਿਚ ਨਾ ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਤੇ ਕੀਮਤੀ ਸਾਮਾਨ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੀ ਨਜ਼ਰ ਨਾਲ ਉਚਿਤ ਜਗ੍ਹਾ 'ਤੇ ਰੱਖ ਕੇ ਜਿੰਦੇ ਵਿਚ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿਓ। ਕੇਵਲ ਵਿਆਹ ਵਿਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਸਾਮਾਨ ਨੂੰ ਹੀ ਬਾਹਰ ਰੱਖੋ। ਹਲਵਾਈ ਦਾ ਸਾਮਾਨ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਮੰਗਵਾ ਕੇ ਇਕ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਰੱਖ ਦਿਓ, ਗੈਸ ਸਿਲੰਡਰ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਵੀ ਸਮਾਂ ਰਹਿੰਦਿਆਂ ਕਰ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ। ਰਸੋਈ ਵਿਚੋਂ ਵਾਧੂ ਭਾਂਡੇ ਤੇ ਕਰਾਕਰੀ ਕੱਢ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ।

ਵਿਆਹ ਵਾਲੇ ਘਰ ਵਿਚ ਕਰੀਬ 15 ਦਿਨ ਪਹਿਲਾਂ ਸਾਕ-ਸਬੰਧੀਆਂ ਦਾ ਆਉਣਾ-ਜਾਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਲਈ ਚਾਹ, ਨਾਸ਼ਤਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਭੋਜਨ ਲਈ ਕਿਸੇ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ। ਪਿੰਡਾਂ ਤੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਵਿਚ ਕੁਝ ਔਰਤਾਂ ਵਿਆਹ ਵਾਲੇ ਘਰਾਂ ਵਿਚ ਖਾਣਾ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਕੰਮ ਉਚਿਤ ਕੀਮਤ 'ਤੇ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ। ਔਰਤਾਂ ਨੂੰ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਉਤਸ਼ਾਹ ਬਣਾਈ ਰੱਖਣ ਅਤੇ ਖੁਸ਼ੀ-ਖੁਸ਼ੀ ਤਿਆਰੀ ਕਰਦੀਆਂ ਰਹਿਣ। ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਦੋ ਜਾਂ ਤਿੰਨ ਦਿਨ ਪਹਿਲਾਂ ਹਲਵਾਈ ਘਰੇ ਲੱਗ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਉਸ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਲਈ ਘਰ ਦੇ ਬਜ਼ੁਰਗਾਂ ਦਾ ਸਹਾਰਾ ਲਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ।

ਵਿਆਹ ਵਿਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਭਾਂਡੇ, ਕਰਾਕਰੀ ਅਤੇ ਹੋਰ ਖਾਣ ਵਾਲੇ ਸਾਮਾਨ ਦੀ ਨਿਗਰਾਨੀ ਲਈ ਕੋਈ ਨਿਸ਼ਾਨ ਲਾ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਵਿਆਹ ਸਮਾਗਮ ਵਿਚ ਬਾਹਰ ਤੋਂ ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਮਹਿਮਾਨਾਂ ਤੇ ਰਿਸ਼ਤੇਦਾਰਾਂ ਨੂੰ ਠਹਿਰਾਉਣ ਲਈ ਉਚਿਤ ਵਿਵਸਥਾ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੀਮਤੀ ਸਾਮਾਨ ਅਤੇ ਗਹਿਣਿਆਂ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰਖਵਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਵਿਆਹ ਦੇ ਸਮਾਗਮ ਵਿਚ ਬਾਹਰਲੇ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਦੀਆਂ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ 'ਤੇ ਵੀ ਔਰਤਾਂ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਕੰਮ ਵਿਚ ਲੱਗੇ ਬਾਹਰਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਮੌਕਾ ਲਗਦੇ ਹੀ ਹੱਥ ਸਾਫ ਕਰ ਜਾਂਦੇ ਹਨ। ਛੋਟੇ ਬੱਚਿਆਂ ਲਈ ਦੁੱਧ ਆਦਿ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਮਨੋਰੰਜਨ ਕਰਨ ਅਤੇ ਗੱਲਬਾਤ ਕਰਨ ਲਈ ਰੁਝੇਵਿਆਂ 'ਚੋਂ ਸਮਾਂ ਕੱਢਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।

ਔਰਤਾਂ ਨੂੰ ਵਿਆਹ ਸਮਾਗਮ ਵਿਚ ਘੱਟ ਤੇ ਸ਼ਾਲੀਨਤਾ ਨਾਲ ਬੋਲਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਉਹ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਵਿਅਕਤਿਤਵ ਦੀ ਪ੍ਰੀਖਿਆ ਹੈ। ਕਿਤੇ ਅਜਿਹਾ ਨਾ ਹੋਵੇ ਕਿ ਚੀਕਦੇ-ਚੀਕਦੇ ਵਿਆਹ ਵਾਲੇ ਦਿਨ ਗਲਾ ਹੀ ਖਰਾਬ ਹੋ ਜਾਵੇ। ਵਿਆਹ ਵਾਲੀ ਜਗ੍ਹਾ 'ਤੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਘਰ ਵਿਚ ਉਚਿਤ ਸਥਾਨਾਂ 'ਤੇ ਜਿੰਦੇ ਲਾ ਕੇ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਸੁਰੱਖਿਆ ਸੇਵਾਵਾਂ ਤੋਂ ਇਕ-ਦੋ ਦਿਨ ਲਈ ਸੁਰੱਖਿਆ ਕਰਮਚਾਰੀ ਲੈ ਲੈਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ। ਇਸ ਨਾਲ ਤੁਹਾਡੇ ਘਰ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਹੀ ਢੰਗ ਨਾਲ ਹੋਵੇਗੀ। ਵਿਆਹ ਵਿਚ ਜਿੰਨਾ ਕੰਮ ਘਰ ਦੇ ਬਾਹਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਓਨਾ ਹੀ ਘਰ ਦੇ ਅੰਦਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਦਾ ਭਾਰ ਔਰਤਾਂ ਦੇ ਮੋਢਿਆਂ 'ਤੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਔਰਤਾਂ ਆਪਣੀ ਅਕਲ ਅਤੇ ਸਹੀ ਵਰਤਾਓ ਨਾਲ ਯੋਜਨਾ ਬਣਾ ਕੇ ਵਿਆਹ ਦੇ ਸਮਾਗਮ ਨੂੰ ਚਾਰ ਚੰਨ ਲਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ।

ਧੰਨਵਾਦ ਸਾਹਿਤ ਅਜੀਤ ਜਲੰਧਰ 'ਚੋਂ 30.09.2011

Tuesday, August 2, 2011

ਕੀ ਤੁਸੀਂ (ਮੁਟਿਆਰ) ਵਿਆਹ ਲਈ ਤਿਆਰ ਹੋ? - ਆਰਤੀ ਰਾਣੀ

ਵਿਆਹ ਹਰ ਲੜਕੀ ਦੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦਾ ਇਕ ਖੂਬਸੂਰਤ ਮੋੜ ਹੈ, ਜਿਥੋਂ ਉਸ ਦਾ ਇਕ ਨਵਾਂ ਜੀਵਨ ਸ਼ੁਰੂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਹੁਣ ਉਸ ਦਾ ਇਹ ਨਵਾਂ ਜੀਵਨ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਹੋਵੇਗਾ, ਇਸ ਦਾ ਫੈਸਲਾ ਕਰਨ ਦੇ ਦੋ ਢੰਗ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਤੁਹਾਡੇ ਵੱਲੋਂ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਵਿਆਹ ਲਈ ਕੀਤੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਸਰੀਰਕ ਅਤੇ ਮਾਨਸਿਕ ਤਿਆਰੀ।

ਜੀ ਹਾਂ, ਇਸ ਤਿਆਰੀ ‘ਤੇ ਤੁਹਾਡਾ ਸਾਰਾ ਦਾਰੋਮਦਾਰ ਟਿਕਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਵਿਆਹੁਤਾ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੀ ਸਫਲਤਾ ਦਾ ਅਹਿਮ ਅੰਗ ਹੈ। ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਵਿਆਹ ਲਈ ਸਰੀਰਕ ਜਾਂ ਮਾਨਸਿਕ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਤਿਆਰ ਹੋ?

ਆਓ, ਕੁਝ ਸਵਾਲਾਂ-ਜਵਾਬਾਂ ਰਾਹੀਂ ਤੁਸੀਂ ਖੁਦ ਹੀ ਚੈੱਕ ਕਰ ਲਓ :

1) ਕੀ ਤੁਹਾਡੀ ਉਮਰ ਵਿਆਹ ਯੋਗ ਹੋ ਚੁੱਕੀ ਹੈ? (ਹਾਂ/ਨਹੀਂ)

2) ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਸਰੀਰਕ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਸਿਹਤਯਾਬ ਹੋ? ਭਾਵ ਕਿ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਗਰਭਵਤੀ ਹੋਣ ‘ਚ ਕੋਈ ਸਮੱਸਿਆ ਤਾਂ ਨਹੀਂ ਆਵੇਗੀ? (ਹਾਂ/ਨਹੀਂ)

3) ਕੀ ਤੁਹਾਨੂੰ ਗਰਭ ਰੋਕਣ ਦੇ ਸਾਰੇ ਢੰਗਾਂ ਬਾਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਹੈ? (ਹਾਂ/ਨਹੀਂ)

4) ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਤੁਹਾਡੇ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਬਦਲਾਅ ਹੋਣਗੇ। ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਬਾਰੇ ਜਾਣਦੇ ਹੋ ਜਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਲਈ ਤਿਆਰ ਹੋ? (ਹਾਂ/ਨਹੀਂ)

5) ਤੁਹਾਡੇ ਪਤੀ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਚੰਗਿਆਈਆਂ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਬੁਰਾਈਆਂ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ। ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਅਪਣਾਉਣ ਲਈ ਤਿਆਰ ਹੋ? (ਹਾਂ/ਨਹੀਂ)

6) ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਨਵੇਂ ਜੁੜਨ ਵਾਲੇ ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਵਿਚ ਤਾਲਮੇਲ ਬਿਠਾਉਣ ਲਈ ਤਿਆਰ ਹੋ? (ਹਾਂ/ਨਹੀਂ)

7) ਕਈ ਵਾਰ ਪਰਿਵਾਰ ਦੀ ਸੁਖ-ਸ਼ਾਂਤੀ ਲਈ ਸਹੁਰੇ ਪਰਿਵਾਰ ਸਾਹਮਣੇ ਖੁਦ ਦੀਆਂ ਜਾਂ ਆਪਣੇ ਪੇਕੇ ਪਰਿਵਾਰ ਵਾਲਿਆਂ ਦੀਆਂ ਖੂਬੀਆਂ ਭੁਲਾ ਕੇ ਸਹੁਰੇ ਪਰਿਵਾਰ ਨੂੰ ਸਰਬੋਤਮ ਦੱਸਣਾ ਪੈ ਸਕਦਾ ਹੈ। ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਇਸ ਦੇ ਲਈ ਤਿਆਰ ਹੋ? (ਹਾਂ/ਨਹੀਂ)

8) ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਇਸ ਗੱਲ ਲਈ ਤਿਆਰ ਹੋ ਕਿ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਇਸ ਘਰ ਨੂੰ ਇਕ ਨਵੇਂ ਮਾਹੌਲ ਵਿਚ ਆਪਣੇ-ਆਪ ਨੂੰ ‘ਐਡਜਸਟ’ ਕਰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ? (ਹਾਂ/ਨਹੀਂ)

9) ਕਈ ਵਾਰ ਨਾ ਚਾਹੁੰਦਿਆਂ ਹੋਇਆਂ ਵੀ ਹਾਲਾਤ ਤੋਂ ਮਜਬੂਰ ਜਾਂ ਰੀਤੀ-ਰਿਵਾਜਾਂ ਨਾਲ ਬੱਝੇ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਆਪਣੇ ਪੇਕੇ ਵਾਲਿਆਂ ਨੂੰ ਨਾ ਮਿਲਣ ਲਈ ਮਜਬੂਰ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹੋ। ਕੀ ਅਜਿਹੀ ਹਾਲਤ ‘ਚ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ-ਆਪ ‘ਤੇ ਕਾਬੂ ਰੱਖ ਸਕੋਗੇ? (ਹਾਂ/ਨਹੀਂ)

10) ਸਹੁਰੇ ਘਰ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਤੁਹਾਨੂੰ ਆਪਣੀਆਂ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਜਿਵੇਂ ਸਵੇਰੇ ਛੇਤੀ ਉਠਣਾ, ਰਾਤ ਨੂੰ ਦੇਰੀ ਨਾਲ ਸੌਣਾ, ਖਾਣਾ-ਪੀਣਾ, ਕੱਪੜੇ ਪਾਉਣਾ, ਤੁਰਨਾ-ਫਿਰਨਾ, ਹੱਸਣਾ-ਬੋਲਣਾ ਆਦਿ ਵਿਚ ਬਦਲਾਅ ਕਰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ। ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਇਸ ਦੇ ਲਈ ਤਿਆਰ ਹੋ? (ਹਾਂ/ਨਹੀਂ)

11) ਤੁਹਾਡੇ ਪਤੀ ਦੀਆਂ ਕਈ ਆਦਤਾਂ ਤੁਹਾਨੂੰ ਨਾਪਸੰਦ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ਪਰ ਤੁਹਾਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ‘ਤੇ ਗੁੱਸਾ ਕਰਨ ਦੀ ਥਾਂ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿਚ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਹਿਣ ਕਰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ਅਤੇ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਆਪਣੇ ਪਤੀ ‘ਚ ਬਦਲਾਅ ਲਿਆਉਣਾ ਹੋਵੇਗਾ। ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਇਸ ਲਈ ਤਿਆਰ ਹੋ? (ਹਾਂ/ਨਹੀਂ)

12) ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਇਸ ਲਈ ਤਿਆਰ ਹੋ ਕਿ ਤੁਹਾਡੇ ਪਤੀ ਫਿਲਮੀ ਪਤੀਆਂ ਵਾਂਗ ਹਰ ਸਮੇਂ ਪਿਆਰ ਦੇ ਸਾਗਰ ਵਿਚ ਗੋਤੇ ਨਹੀਂ ਲਗਾਉਂਦੇ ਰਹਿਣਗੇ? (ਹਾਂ/ਨਹੀਂ)

ਨਤੀਜਾ

ਜੇਕਰ ਤੁਹਾਡਾ 12 ਸਵਾਲਾਂ ਵਿਚੋਂ ਸਵਾਲ ਨੰ: 1 ਸਹਿਤ 10 ਜਾਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸਵਾਲਾਂ ਦਾ ਜਵਾਬ ‘ਹਾਂ’ ਵਿਚ ਹੈ ਤਾਂ ਤੁਸੀਂ ਵਿਆਹ ਲਈ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਤਿਆਰ ਹੋ।

ਜੇਕਰ ‘ਹਾਂ’ ਦੀ ਗਿਣਤੀ 5 ਤੋਂ 8 ਹੈ ਤਾਂ ਤੁਸੀਂ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਆਪਣੇ-ਆਪ ਨੂੰ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਤਿਆਰ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹੋ।

ਜੇਕਰ ‘ਹਾਂ’ ਦੀ ਗਿਣਤੀ 5 ਤੋਂ ਵੀ ਘੱਟ ਹੈ ਤਾਂ ਤੁਸੀਂ ਹਾਲੇ ਵਿਆਹ ਲਈ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਪੱਕ ਨਹੀਂ ਹੋ। ਇਸ ਦੇ ਲਈ ਤੁਹਾਨੂੰ ਮਾਨਸਿਕ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਖੁਦ ਨੂੰ ਤਿਆਰ ਕਰਨ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੈ।

ਧੰਨਵਾਦ ਸਾਹਿਤ ਅਜੀਤ ਜਲੰਧਰ ‘ਚੋਂ 09.04.2009

ਅਰੇਂਜਡ ਮੈਰਿਜ ਵਿਚ ਤੁਹਾਡਾ ਕੇਂਦਰ-ਬਿੰਦੂ ਹੋਵੇ ਲੜਕਾ-ਲੜਕੀ ਦੀ ਪਸੰਦ - ਸੋਨੀ ਮਲਹੋਤਰਾ

ਅਰੇਂਜਡ ਮੈਰਿਜ ਨੂੰ ਲੜਕੀਆਂ ਅਤੇ ਲੜਕੇ ਦੋਵੇਂ ਗੰਭੀਰਤਾ ਨਾਲ ਲੈਂਦੇ ਹਨ, ਕਿਉਂਕਿ ਅਰੇਂਜਡ ਸ਼ਬਦ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਇਹ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਵਾਉਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਫੈਸਲਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵੱਲੋਂ ਨਹੀਂ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਵੱਡਿਆਂ ਵੱਲੋਂ ਲਿਆ ਗਿਆ ਹੈ, ਜੇਕਰ ਉਸ ਵਿਚ ਉਨ੍ਹਾਂ ਹਾਮੀ ਭਰੀ ਹੈ।

ਜੇਕਰ ਧਿਆਨ ਨਾਲ ਗੌਰ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਨਾਲ ਬੱਝਣ ਦੀ ਇਹ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਉਸ ਸਮੇਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਲੜਕੀ ਦੇਖੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਲੜਕੀ ਨੂੰ ਦੇਖਣਾ ਲੜਕੇ ਦੇ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਕਿਉਂਕਿ ਅਰੇਂਜਡ ਮੈਰਿਜ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਪੂਰਾ ਪਰਿਵਾਰ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਫਿਰ ਲੜਕੀ ਦਾ ਮੁਆਇਨਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਸਿਰ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ ਪੈਰਾਂ ਤੱਕ।

ਫਿਰ ਜਦੋਂ ਪਰਿਵਾਰ ਘਰ ਵਾਪਸ ਮੁੜਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਮੁਆਇਨੇ ਨੂੰ ਬਿਆਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਭਾਵ ਇਕ ਲੜਕੀ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਚੋਣ ਦੇ ਲਈ ਪੂਰੇ ਪਰਿਵਾਰ ਦੀ ਕਸੌਟੀ 'ਤੇ ਖਰਾ ਉਤਰਨਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਤਦ ਜਾ ਕੇ ਵਿਆਹ ਦੇ ਲਈ ਪਰਿਵਾਰ ਰਾਜ਼ੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ।

ਅਸੀਂ ਪਰਿਵਾਰ ਨੂੰ ਇਸ ਰਿਸ਼ਤੇ ਤੋਂ ਵੱਖ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ, ਕਿਉਂਕਿ ਸਾਡੀ ਸੱਭਿਅਤਾ ਇਹੀ ਹੈ ਕਿ ਪਰਿਵਾਰ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ ਪਰ ਜਦੋਂ ਦੋ ਵਿਅਕਤੀ ਵਿਆਹ ਵਰਗੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਬੰਧਨ ਵਿਚ ਬੱਝ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਇਸ ਵਿਅਰਥ ਦੇ ਦਿਖਾਵੇ ਦੀ ਬਜਾਏ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਗੱਲਾਂ 'ਤੇ ਫੋਕਸ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਉਹ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਗੱਲਾਂ ਜੋ ਲੜਕੇ-ਲੜਕੀ ਦੇ ਭਵਿੱਖ 'ਤੇ ਅਸਰ ਪਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਅਰੇਂਜਡ ਮੈਰਿਜ ਵਿਚ ਲੜਕਾ-ਲੜਕੀ ਕਿਵੇਂ ਨਿਰਣਾ ਲੈਣ ਕਿ ਵਾਕਿਆ ਹੀ ਉਹ ਇਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਲਈ ਬਣੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਭਵਿੱਖ ਸੁਖਮਈ ਹੋਵੇ। ਤੁਹਾਡਾ ਫੋਕਸ ਇਨ੍ਹਾਂ ਬਿੰਦੂਆਂ 'ਤੇ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ :


ਪਰਿਵਾਰਕ ਕਦਰਾਂ-ਕੀਮਤਾਂ : ਪਰਿਵਾਰਕ ਕਦਰਾਂ-ਕੀਮਤਾਂ ਜੇਕਰ ਨਾ ਮਿਲਣ ਤਾਂ ਵਿਆਹੁਤਾ ਜੀਵਨ ਦੇ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿਚ ਹੀ ਝਗੜੇ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ। ਜੇਕਰ ਲੜਕੀ ਦੇ ਪਰਿਵਾਰ ਵਾਲੇ ਸਾਦਗੀ ਵਿਚ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਲੜਕੇ ਦੇ ਤੜਕ-ਭੜਕ ਵਿਚ ਤਾਂ ਵੀ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹਾਲਤਾਂ ਸਾਹਮਣੇ ਆ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ।

ਲੜਕੀ ਨੂੰ ਅਜਿਹੇ ਮਾਹੌਲ ਵਿਚ ਅਡਜਸਟ ਹੋਣ ਵਿਚ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਆਉਂਦੀ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਉਹ ਜਿਸ ਮਾਹੌਲ ਵਿਚ ਪਲੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਉਸ ਦੀ ਪਰਿਵਾਰਕ ਪੱਧਤੀ ਵੱਖਰੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਇਸ ਦੇ ਲਈ ਜਾਂ ਤਾਂ ਲੜਕੀ ਰਿਸ਼ਤਾ ਚੁਣਦੇ ਸਮੇਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਇਸ ਤਬਦੀਲੀ ਦੇ ਲਈ ਆਪਣੇ-ਆਪ ਨੂੰ ਤਿਆਰ ਕਰ ਲਵੇ ਜਾਂ ਉਸ ਥਾਂ ਰਿਸ਼ਤਾ ਜੋੜੇ ਜਿਥੇ ਉਸ ਦੀ ਫੈਮਿਲੀ ਵੈਲਿਊਜ਼ ਲੜਕੇ ਦੀ ਫੈਮਿਲੀ ਵੈਲਿਊਜ਼ ਨਾਲ ਮੇਲ ਖਾਂਦੀਆਂ ਹੋਣ।

ਨਿੱਜੀ ਸ਼ੌਕ ਜਾਂ ਆਦਤਾਂ : ਜੇਕਰ ਦੋਵਾਂ ਧਿਰਾਂ ਦੇ ਨਿੱਜੀ ਸ਼ੌਕ ਜਾਂ ਆਦਤਾਂ ਭਿੰਨ ਹਨ, ਤਾਂ ਵੀ ਮੁਸ਼ਕਿਲਾਂ ਆ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ। ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਤੋਂ ਲੜਕੀ ਨਫਰਤ ਕਰਦੀ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦਾ ਸ਼ੌਕ ਪਤੀ ਰੱਖਦਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਆਪਸ ਵਿਚ ਅਣਬਣ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਜੇਕਰ ਦੋਵੇਂ ਹੀ ਇਕ-ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਬਦਲਣਾ ਚਾਹੁੰਣ ਤਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਵਿਆਹੁਤਾ ਜੀਵਨ ਦੇ ਸੁਖਮਈ ਹੋਣ ਦੀ ਆਸ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਮੁੱਦੇ 'ਤੇ ਲੜਕੇ-ਲੜਕੀ ਨੂੰ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਗੱਲ ਕਰ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ।

ਕੈਰੀਅਰ : ਇਕ ਸਮਾਂ ਸੀ ਜਦੋਂ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਸਿਰਫ ਲੜਕੇ ਦੇ ਕੈਰੀਅਰ ਬਾਰੇ ਹੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਲਈ ਜਾਂਦੀ ਸੀ ਪਰ ਅੱਜ ਲੜਕੀ ਦੇ ਲਈ ਵੀ ਕੈਰੀਅਰ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ। ਜੇਕਰ ਲੜਕੀ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਵੀ ਉਸ ਨੂੰ ਗੰਭੀਰਤਾ ਨਾਲ ਲੈਣਾ ਚਾਹੁੰਦੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਲੜਕੇ ਦੇ ਪਰਿਵਾਰ ਅਤੇ ਲੜਕੇ ਨੂੰ ਇਹ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿਓ। ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਪਰਿਵਾਰ ਲੜਕੀ ਨੂੰ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਮਗਰੋਂ ਨੌਕਰੀ ਕਰਾਉਣਾ ਪਸੰਦ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ।

ਜੇ ਇਹ ਗੱਲਾਂ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਸਾਫ ਨਹੀਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਤਾਂ ਬਾਅਦ ਵਿਚ ਝਗੜੇ ਦੀ ਨੌਬਤ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਲੜਕੀ ਦੇ ਲਈ ਇਹ ਜਾਣਨਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਦਾ ਨਵਾਂ ਪਰਿਵਾਰ ਉਸ ਨੂੰ ਵਰਕਿੰਗ ਵੂਮੈਨ ਦੇ ਤੌਰ 'ਤੇ ਸਵੀਕਾਰ ਕਰੇਗਾ ਜਾਂ ਨਹੀਂ? ਜੇਕਰ ਨਹੀਂ ਅਤੇ ਤੁਹਾਡਾ ਕੈਰੀਅਰ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ ਤਾਂ ਤੁਸੀਂ ਇਸ ਰਿਸ਼ਤੇ ਵਿਚ ਨਾ ਹੀ ਬੱਝੋ।

ਲਾਈਫ ਸਟਾਈਲ : ਲਾਈਫ ਸਟਾਈਲ ਵੀ ਇਕ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਬਿੰਦੂ ਹੈ। ਤੁਸੀਂ ਪਾਰਟੀਆਂ ਵਿਚ ਜਾਣ ਦੇ ਸ਼ੌਕੀਨ ਹੋ ਅਤੇ ਲੜਕੀ ਦਾ ਲਾਈਫ ਸਟਾਈਲ ਅਜਿਹਾ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਇਨ੍ਹਾਂ ਥਾਵਾਂ 'ਤੇ ਜਾਣਾ ਪਸੰਦ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀ, ਉਹ ਸਮਾਜ ਸੇਵਾ, ਸਾਧਾਰਨ ਜੀਵਨ ਬਤੀਤ ਕਰਨ ਵਿਚ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਕਰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਵੀ ਟਕਰਾਅ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ।

ਧਰਮ ਅਤੇ ਆਚਾਰ-ਵਿਹਾਰ : ਧਰਮ ਵੀ ਆਪਣੀ ਜਗ੍ਹਾ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵ ਰੱਖਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਤੁਹਾਡੇ ਧਾਰਮਿਕ ਵਿਚਾਰ ਵੀ। ਜੇਕਰ ਲੜਕੀ ਧਾਰਮਿਕ ਪ੍ਰਵਿਰਤੀ ਵਾਲੀ ਹੈ, ਪੂਜਾ-ਪਾਠ ਕਰਨਾ ਉਸ ਦੇ ਆਚਾਰ-ਵਿਹਾਰ ਵਿਚ ਸ਼ਾਮਿਲ ਹੈ ਅਤੇ ਲੜਕੇ ਦੇ ਪਰਿਵਾਰ ਵਾਲੇ ਅਤੇ ਲੜਕਾ ਨਾਸਤਿਕ ਹਨ ਤਾਂ ਵੀ ਪ੍ਰੇਸ਼ਾਨੀ ਆ ਸਕਦੀ ਹੈ। ਜੇਕਰ ਦੋਵੇਂ ਪਰਿਵਾਰ ਵੱਖਰੇ-ਵੱਖਰੇ ਧਰਮਾਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹਨ ਤਾਂ ਲੜਕੀ ਨੂੰ ਇਹ ਪ੍ਰੇਸ਼ਾਨੀ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਕਿਸ ਧਰਮ ਦਾ ਪਾਲਣ ਕਰੇ। ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਗੱਲ 'ਤੇ ਵੀ ਗੌਰ ਕਰ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।

ਅਸਲ ਵਿਚ ਅਰੇਂਜਡ ਮੈਰਿਜ ਵਿਚ ਵੀ ਨੌਜਵਾਨ ਮੁੰਡੇ-ਕੁੜੀਆਂ ਨੂੰ ਸਭ ਕੁਝ ਮਾਂ-ਬਾਪ ਜਾਂ ਵੱਡਿਆਂ ਦੇ ਹੱਥ ਵਿਚ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸੌਂਪ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ। ਆਪਣੀ ਬੁੱਧੀ ਦਾ ਵੀ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਨਿਰਣਾ ਆਪ ਲੈਣ ਦਾ ਯਤਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਤੁਹਾਡੇ ਲਈ ਚੁਣਿਆ ਵਰ ਜਾਂ ਕੰਨਿਆ ਸਹੀ ਹੈ ਜਾਂ ਨਹੀਂ, ਤਾਂ ਹੀ ਤੁਸੀਂ ਖੁਸ਼ਹਾਲ ਅਤੇ ਸ਼ਾਂਤਮਈ ਵਿਆਹੁਤਾ ਜੀਵਨ ਜਿਊਣ ਦੀ ਆਸ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹੋ।

ਧੰਨਵਾਦ ਸਾਹਿਤ ਅਜੀਤ ਜਲੰਧਰ 'ਚੋਂ 02.08.2008

Thursday, July 28, 2011

ਰਿਸ਼ਤਾ ਪੱਕਾ ਕਾਹਲੀ ਵਿਚ ਤਾਂ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ? - ਉਮੇਸ਼ ਕੁਮਾਰ ਗਿਰਧਰ

ਲੜਕੀ ਦਾ ਰਿਸ਼ਤਾ ਪੱਕਾ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਅਕਸਰ ਲੋਕ ਜਲਦਬਾਜ਼ੀ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਜਿਸ ਦਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਬਾਅਦ ਵਿਚ ਕਾਫੀ ਪਛਤਾਵਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਨੂੰ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਆਪਣੀ ਲੜਕੀ ਲਈ ਅਜਿਹਾ ਵਰ ਦੇਖਣ ਜੋ ਆਤਮ-ਨਿਰਭਰ ਹੋਵੇ। ਤੁਹਾਡੀ ਕੁੜੀ ਨੂੰ ਨਾਲ ਰੱਖਣ ਵਿਚ ਸਮਰੱਥ ਹੋਵੇ। ਕੇਵਲ ਪਿਤਾ ਦੀ ਜਾਇਦਾਦ ਜਾਂ ਅਹੁਦਾ ਦੇਖ ਕੇ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਰਿਸ਼ਤਾ ਬਾਅਦ ਵਿਚ ਹਮੇਸ਼ਾ ਦੁੱਖ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣਦਾ ਹੈ।

ਲੜਕੇ-ਲੜਕੀ ਦੀ ਯੋਗਤਾ ਹੀ ਅਸਲੀ ਜਾਇਦਾਦ ਹੈ। ਪਿਤਾ ਜਾਂ ਪੂਰਵਜਾਂ ਦੀ ਜਾਇਦਾਦ ਜਾਂਦਿਆਂ ਦੇਰ ਨਹੀਂ ਲਗਦੀ। ਧਨ-ਜਾਇਦਾਦ ਨਾਲੋਂ ਲੜਕੇ ਦੇ ਗੁਣਾਂ ਅਤੇ ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਸੱਭਿਆਚਾਰ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਮਹੱਤਵ ਦਿਓ। ਜਿਥੋਂ ਤੱਕ ਸੰਭਵ ਹੋਵੇ, ਲੜਕੇ ਦੇ ਬਾਰੇ ਪੂਰੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਕੇ ਉਸ ਦੀ ਇੱਛਾ ਨਾਲ ਹੀ ਰਿਸ਼ਤੇ ਦੀ ਗੱਲ ਅੱਗੇ ਵਧਾਓ।

ਜੇਕਰ ਲੜਕੀ ਦਾ ਰਿਸ਼ਤਾ ਤੈਅ ਕਰ ਰਹੇ ਹੋ ਤਾਂ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਇਹ ਪਤਾ ਲਗਾਓ ਕਿ ਲੜਕੀ ਦੀ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਸੱਸ ਕਿਤੇ ਕਲੇਸ਼ ਪਾਉਣ ਵਾਲੀ, ਝਗੜਾਲੂ ਜਾਂ ਲਾਲਚੀ ਤਾਂ ਨਹੀਂ ਹੈ, ਇਸ ਕਾਰਨ ਤੁਹਾਡੀ ਲੜਕੀ ਦਾ ਜੀਵਨ ਖਤਰੇ ਵਿਚ ਪੈ ਸਕਦਾ ਹੈ। ਰਿਸ਼ਤਾ ਕਰਨ ਵਿਚ ਜਲਦਬਾਜ਼ੀ ਬਿਲਕੁਲ ਨਾ ਕਰੋ। ਕੋਈ ਸੰਬੰਧ ਚਾਹੇ ਕਿੰਨਾ ਹੀ ਵਧੀਆ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੋਵੇ, ਤੁਹਾਡੇ ਨੇੜਲੇ ਰਿਸ਼ਤੇਦਾਰ ਵੀ ਚਾਹੇ ਕਿੰਨੀ ਵੀ ਪ੍ਰਸੰਸਾ ਕਿਉਂ ਨਾ ਕਰ ਰਹੇ ਹੋਣ, ਤੁਸੀਂ ਸਿਰਫ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਗੱਲਾਂ 'ਤੇ ਹੀ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਕਰਕੇ ਆਪਣੀ ਲੜਕੀ ਜਾਂ ਲੜਕੇ ਦੇ ਜੀਵਨ ਨੂੰ ਹਨੇਰੇ ਵਿਚ ਨਾ ਧੱਕੋ।

ਨਿੱਜੀ ਤੌਰ 'ਤੇ ਡੂੰਘੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਹੀ ਰਿਸ਼ਤਾ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰੋ ਅਤੇ ਲੜਕੇ ਜਾਂ ਲੜਕੀ ਦੀ ਇੱਛਾ ਨੂੰ ਵੀ ਜਾਣ ਲਓ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਹਨੇਰੇ ਵਿਚ ਨਾ ਰੱਖੋ। ਕਈ ਵਾਰ ਨੇੜਲੇ ਰਿਸ਼ਤੇਦਾਰ ਵੀ ਸੁਆਰਥ ਜਾਂ ਦਬਾਅ ਕਾਰਨ ਕੁੜੀ ਦੇ ਜੀਵਨ ਨੂੰ ਨਰਕ ਵਿਚ ਧੱਕ ਦਿੰਦੇ ਹਨ। ਕਿੰਨਾ ਵੀ ਅਮੀਰ ਪਰਿਵਾਰ ਕਿਉਂ ਨਾ ਹੋਵੇ, ਜੇਕਰ ਲੜਕਾ ਸ਼ਰਾਬੀ, ਜੁਆਰੀ ਅਤੇ ਹੋਰ ਲੜਕੀਆਂ ਨਾਲ ਸਬੰਧ ਬਣਾਉਣ ਵਾਲਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਨਾਲ ਰਿਸ਼ਤਾ ਨਾ ਕਰੋ। ਲੜਕੇ ਅਤੇ ਲੜਕੀ ਦੀ ਉਮਰ, ਰੂਪ-ਰੰਗ, ਸਿੱਖਿਆ ਅਤੇ ਸਰੀਰਕ ਬਣਾਵਟ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਅੰਤਰ ਨਾ ਹੋਵੇ। ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਵੀ 4-5 ਸਾਲ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਅੰਤਰ ਨਾ ਹੋਵੇ, ਨਹੀਂ ਤਾਂ ਹੀਣ-ਭਾਵਨਾ ਸਬੰਧਾਂ ਵਿਚ ਦਰਾਰ ਪੈਦਾ ਕਰ ਸਕਦੀ ਹੈ। ਆਪਣੇ ਤੋਂ ਉੱਚਾ ਸੰਬੰਧ ਦੇਖਣ ਵਾਲੇ ਦੁਖੀ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਬਰਾਬਰ ਜਾਂ ਆਰਥਿਕ ਪੱਧਰ ਅਨੁਸਾਰ ਸਮਾਨ ਪਰਿਵਾਰ ਵਿਚ ਸਬੰਧ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਸੁਖੀ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਰਿਸ਼ਤਾ ਸਮਾਨ ਲੋਕਾਂ ਨਾਲ ਹੀ ਵਧੀਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ। ਜਿਸ ਲੜਕੇ ਦੇ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਲਾਲਚੀ ਹੋਣ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਆਪਣੀ ਕੁੜੀ ਦੇ ਵਿਆਹ ਦੀ ਗੱਲ ਤੁਰੰਤ ਖਤਮ ਕਰ ਦਿਓ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸੁਧਾਰਨ ਦਾ ਇਹੀ ਇਲਾਜ ਹੈ। ਦੂਜਿਆਂ ਦੀ ਦੇਖਾ-ਦੇਖੀ ਜਾਂ ਝੂਠੀ ਸ਼ਾਨ ਅਤੇ ਦਿਖਾਵੇ ਲਈ ਵਿਆਹ ਵਿਚ ਏਨਾ ਖਰਚ ਨਾ ਕਰੋ ਕਿ ਉਹ ਤੁਹਾਡੇ ਜਾਂ ਤੁਹਾਡੇ ਪਰਿਵਾਰ ਦੀ ਬਰਬਾਦੀ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣ ਜਾਣ। ਵਿਆਹ ਦੇ ਸਬੰਧਾਂ ਵਿਚ ਸਰਲਤਾ ਅਤੇ ਸਾਦਗੀ ਵਰਤੋ।

ਧੰਨਵਾਦ ਸਾਹਿਤ ਅਜੀਤ ਜਲੰਧਰ 'ਚੋਂ 28.04.2011

Sunday, July 24, 2011

ਸੰਪੂਰਨ ਪਤੀ ਲੱਭਣਾ ਅਸੰਭਵ! - ਮਾਹੀਆ

ਸ਼ਿਵਾਨੀ ਚਾਹੁੰਦੀ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਦਾ ਪਤੀ ਸਮਝਦਾਰ, ਸਥਿਤੀਆਂ ਅਨੁਸਾਰ ਆਪਣੇ-ਆਪ ਨੂੰ ਢਾਲਣ ਵਾਲਾ, ਗੱਲਬਾਤ ਵਿਚ ਮਾਹਿਰ ਅਤੇ ਹੁਸ਼ਿਆਰ ਹੋਵੇ। ਸ਼ਿਵਾਨੀ ਦੀ ਇਸ ਸੂਚੀ ਵਿਚ ਕਿਸੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਕਦੇ ਕੋਈ ਕਟੌਤੀ ਨਹੀਂ ਹੋਈ। ਇਹੀ ਕਾਰਨ ਹੈ ਕਿ ਹੁਣ ਤੱਕ ਉਸ ਦਾ ਵਿਆਹ ਨਹੀਂ ਹੋਇਆ। ਇਹ ਕਹਾਣੀ ਇਕੱਲੀ ਸ਼ਿਵਾਨੀ ਦੀ ਨਹੀਂ ਹੈ। ਜ਼ਿਆਦਾ ਕੁੜੀਆਂ ਪਤੀ ਖੋਜਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਲੰਬੀ ਸੂਚੀ ਬਣਾ ਲੈਂਦੀਆਂ ਹਨ। ਦਰਅਸਲ ਅਸੀਂ ਇਹ ਭੁੱਲ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਸੰਪੂਰਨ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ। ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤੌਰ 'ਤੇ ਵਿਉਂਤਬੱਧ ਵਿਆਹਾਂ ਵਿਚ ਤਾਂ ਅਜਿਹੀ ਉਮੀਦ ਕਰਨੀ ਹੀ ਨਹੀਂ ਚਾਹੀਦੀ। ਅਕਸਰ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਆਪਣੇ ਬੱਚਿਆਂ ਦਾ ਵਿਆਹ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਕਿ ਸਾਡੀ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰੀ ਪੂਰੀ ਹੋਈ। ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਬੱਚਿਆਂ ਦੀ ਘਰ-ਗ੍ਰਹਿਸਥੀ ਵਸਾ ਦਿੱਤੀ ਹੈ ਜਦ ਕਿ ਇਹ ਕਹਿਣਾ ਪਤੀ-ਪਤਨੀ ਦੇ ਨਜ਼ਰੀਏ ਤੋਂ ਗ਼ਲਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਇਹ ਕਹਿਣਾ ਗ਼ਲਤ ਨਹੀਂ ਕਿ ਮਰਦ ਅਤੇ ਔਰਤ ਇਕ ਦੂਸਰੇ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੇ ਹਰ ਮੋੜ 'ਤੇ ਇਕ ਦੂਜੇ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਮਹਿਸੂਸ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਪਰ ਮਨ ਹੀ ਮਨ ਆਪਣੇ ਰਾਜਕੁਮਾਰ ਲਈ ਇਕ ਛਵੀ ਘੜ ਲੈਣਾ ਅਤੇ ਉਸ ਨੂੰ ਹਕੀਕਤ ਦਾ ਜਾਮਾ ਪਹਿਨਾਉਣਾ ਵਿਵਹਾਰਿਕ ਨਹੀਂ ਹੈ। ਇਹ ਗੱਲਾਂ ਮੁੰਡਿਆਂ 'ਤੇ ਵੀ ਲਾਗੂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ।
ਮਾਹਿਰਾਂ ਦਾ ਮੰਨਣਾ ਹੈ ਕਿ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਦਾ ਜੀਵਨ ਬੱਚਿਆਂ ਲਈ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡਾ ਉਦਾਹਰਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਇਹੀ ਕਾਰਨ ਹੈ ਕਿ ਲੜਕੀ ਅਕਸਰ ਆਪਣੇ ਸਾਥੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਪਿਤਾ ਵਰਗੇ ਮਰਦ ਦੀ ਤਲਾਸ਼ ਕਰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਲੜਕੇ ਅਕਸਰ ਆਪਣੀ ਮਾਂ ਵਰਗੀ ਕੁੜੀ ਦੀ ਚਾਹਤ ਰੱਖਦੇ ਹਨ। ਨਤੀਜੇ ਵਜੋਂ ਦੋਵਾਂ ਦੀ ਆਪਣੀ ਚਾਹਤ ਬਣ ਨਹੀਂ ਸਕਦੀ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਸਾਥੀ ਤੋਂ ਕੀ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਆਪਣੀ ਪਸੰਦ ਕੀ ਹੈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਗੱਲਾਂ ਦੇ ਉਹ ਬਹੁਤ ਜਾਣਕਾਰ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਵਿਅਕਤੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਸਾਹਮਣੇ ਪਤੀ/ਪਤਨੀ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਆ ਕੇ ਖੜ੍ਹਾ/ਖੜ੍ਹੀ ਹੁੰਦਾ/ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਦੋਂ ਉਹ ਉਸ ਵਿਚ ਆਪਣੇ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਦੀ ਛਵੀ ਲੱਭਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਦੇ ਹਨ। ਇਹ ਤਰੀਕਾ ਨਾ ਸਿਰਫ਼ ਗ਼ਲਤ ਹੈ ਬਲਕਿ ਸ਼ਾਦੀਸ਼ੁਦਾ ਜੀਵਨ 'ਤੇ ਨਾਕਾਰਤਮਿਕ ਪ੍ਰਭਾਵ ਵੀ ਪਾਉਂਦਾ ਹੈ। ਖੈਰ, ਜਿਥੇ ਤੱਕ ਗੱਲ ਸਹੀ ਪਤੀ ਲੱਭਣ ਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤੌਰ 'ਤੇ ਕੁੜੀਆਂ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਰਾਏ ਬਦਲਣ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੈ।

ਜੇਕਰ ਕੋਈ ਕੁੜੀ ਇਹ ਚਾਹੁੰਦੀ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਦਾ ਸਾਥੀ ਹਮੇਸ਼ਾ ਉਸ ਦੀ ਸੁਣਦਾ ਰਹੇ, ਉਸ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਮੰਨੇ ਤਾਂ ਅਜਿਹੀਆਂ ਉਮੀਦਾਂ ਬਾਰੇ ਕਹਿਣ ਦੀ ਲੋੜ ਹੈ ਕਿ ਹੁਣ ਤੁਸੀਂ ਜ਼ਰਾ ਨੀਂਦ ਤੋਂ ਜਾਗ ਜਾਓ। ਹਰ ਮਨੁੱਖ ਦੀ ਆਪਣੀ ਸੋਚ, ਆਪਣੇ ਵਿਚਾਰ ਅਤੇ ਆਪਣੀ ਰਾਇ ਹੈ। ਬਿਹਤਰੀ ਇਸ ਵਿਚ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਜਿਵੇਂ ਹੈ ਉਸ ਨੂੰ ਉਹੋ ਜਿਹਾ ਹੀ ਕਬੂਲ ਕਰੋ। ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਬਦਲਣ ਦਾ ਬੀੜਾ ਨਾ ਉਠਾਓ।

ਜੇਕਰ ਅਜਿਹੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਜੀਵਨ ਸਾਥੀ ਚੁਣਨਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹੋ ਜੋ ਹੂ-ਬਹੂ ਤੁਹਾਡੀ ਨਕਲ ਹੋਵੇ। ਕਹਿਣ ਦਾ ਮਤਲਬ ਹੈ ਉਸ ਦੀ ਸੋਚ ਅਤੇ ਵਿਚਾਰ ਤੁਹਾਡੇ ਵਰਗੇ ਹੋਣ ਤਾਂ ਜਲਦ ਹੀ ਤੁਸੀਂ ਉਸ ਸਾਥੀ ਨਾਲ ਬੋਰੀਅਤ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰੋਗੇ ਅਸਲ ਵਿਚ ਕੋਈ ਕਿਸੇ ਵਰਗਾ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦਾ। ਕਿਸੇ ਵਿਚ ਕੁਝ ਚੰਗਿਆਈਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਕੁਝ ਬੁਰਾਈਆਂ ਵੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ। ਅਜਿਹਾ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦਾ ਕਿ ਇਕ ਮਨੁੱਖ ਸਾਰਿਆਂ ਦਾ ਦਿਲ ਜਿੱਤ ਲਵੇ। ਜ਼ਰਾ ਸੋਚੋ ਜਦ ਧਰਤੀ 'ਤੇ ਹਰ 100 ਮੀਟਰ ਦੀ ਦੂਰੀ 'ਤੇ ਧਰਤੀ ਆਪਣਾ ਰੰਗ ਬਦਲਦੀ ਹੈ, ਕੁਦਰਤ ਨਵੇਂ ਰੰਗ ਰੂਪ ਨਾਲ ਨਜ਼ਰ ਆਉਂਦੀ ਹੈ, ਕੁਦਰਤ ਦੀ ਖੂਬਸੂਰਤੀ ਨਵੇਂ-ਨਵੇਂ ਆਕਾਰ ਵਿਚ ਦਿਸਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਅਜਿਹੇ ਵਿਚ ਭਲਾ ਇਨਸਾਨ ਵਿਚ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਰੰਗ ਮੌਜੂਦ ਕਿਉਂ ਨਾ ਹੋਣ?

ਦਰਅਸਲ ਕੁੜੀਆਂ ਨੂੰ ਸਾਥੀ ਚੁਣਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਇਹ ਜਾਨਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਕੀ ਉਹ ਉਸ ਨਾਲ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਕੱਢ ਸਕੇਗੀ? ਜੇਕਰ ਤੁਹਾਡੇ ਸਾਥੀ ਦੀਆਂ ਰੁਚੀਆਂ ਤੁਹਾਡੇ ਨਾਲ ਮੇਲ ਨਹੀਂ ਖਾਂਦੀਆਂ ਪਰ ਉਸ ਦਾ ਸੁਭਾਅ ਬਹੁਤ ਚੰਗਾ ਹੈ ਤਾਂ 'ਹਾਂ' ਕਹਿਣ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਝਿਜਕੋ ਨਾ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸੋਚੋ। ਨਾਲ ਹੀ ਇਹ ਯਾਦ ਰੱਖੋ ਕਿ ਵਿਆਹ ਤੁਸੀਂ ਕਰਨਾ ਹੈ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਤੁਸੀਂ ਗੁਜ਼ਾਰਨੀ ਹੈ। ਸੋ, ਆਪਣੇ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਦੋਸਤ, ਭੈਣ-ਭਰਾ ਦੀ ਪਸੰਦ ਨੂੰ ਤਰਜੀਹ ਨਾ ਦਿਓ। ਸਹੀ ਪਤੀ ਲੱਭਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਯਾਦ ਰੱਖੋ ਕਿ ਤੁਸੀਂ ਕੋਈ ਮਸ਼ੀਨ ਨਹੀਂ ਲੱਭ ਰਹੇ ਜੋ ਤੁਹਾਡੇ ਕਹੇ ਅਨੁਸਾਰ ਉਠੇਗਾ, ਬੈਠੇਗਾ ਅਤੇ ਸੌਂਵੇਗਾ। ਤੁਸੀਂ ਇਕ ਇਨਸਾਨ ਦੀ ਚੋਣ ਕਰ ਰਹੇ ਹੋ ਜੋ ਤੁਹਾਡਾ ਜੀਵਨ-ਸਾਥੀ ਬਣੇਗਾ। ਇਸ ਲਈ ਉਸ ਵਿਚ ਆਨ-ਆਫ਼ ਦਾ ਸਵਿੱਚ ਨਾ ਤਲਾਸ਼ੋ। ਇਸ ਦੀ ਬਜਾਏ ਅਜਿਹਾ ਜੀਵਨ-ਸਾਥੀ ਲੱਭੋ ਜੋ ਤੁਹਾਡੇ ਨਾਲ ਪਿਆਰ ਕਰ ਸਕੇ। ਇਹ ਦੁਨੀਆ ਬਹੁਰੰਗੀ ਹੈ। ਇਥੇ ਸੰਪੂਰਨ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੇ ਅੰਤਿਮ ਸਾਹ ਤੱਕ ਸਿੱਖਦੇ ਹਾਂ।

ਧੰਨਵਾਦ ਸਾਹਿਤ ਅਜੀਤ ਜਲੰਧਰ 'ਚੋਂ 07.04.2011

Friday, July 8, 2011

ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਜੀਵਨਸਾਥੀ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹੋ ਤੁਸੀਂ? - ਸਰਿਤਾ ਸ਼ਰਮਾ

ਹਰ ਕੁੜੀ ਦਾ ਸੁਪਨਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਦਾ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਜੀਵਨਸਾਥੀ ਸਰਵਗੁਣ ਸੰਪੰਨ ਹੋਵੇ। ਇਕ ਅਜਿਹਾ ਇਨਸਾਨ, ਜੋ ਤੁਹਾਡੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਨੂੰ ਪਿਆਰ ਦੀ ਖੁਸ਼ਬੂ ਨਾਲ ਮਹਿਕਾ ਦੇਵੇ ਅਤੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੇ ਹਰ ਸੁਖ-ਦੱਖ ‘ਚ ਤੁਹਾਡੇ ਕਦਮ ਨਾਲ ਕਦਮ ਮਿਲਾ ਕੇ ਤੁਰੇ। ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੀ ਕਿਸਮਤ ਵਾਲੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਸੁਪਨਾ ਸੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਕ ਨਵੇਂ ਮਾਹੌਲ ‘ਚ ਨਵੇਂ ਸੁਭਾਅ ਦੇ ਇਨਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਜਾਣਨਾ ਕਿਸੇ ਬੁਝਾਰਤ ਤੋਂ ਘੱਟ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ। ਆਪਸੀ ਤਾਲਮੇਲ ਬਿਠਾਉਣ ‘ਚ ਹੀ ਕਿੰਨਾ ਸਮਾਂ ਨਿਕਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਕੁੱਲ ਮਿਲਾ ਕੇ ਹਕੀਕਤ ਤੁਹਾਡੇ ਸੁਪਨਿਆਂ ਦੀ ਦੁਨੀਆ ਤੋਂ ਬਹੁਤ ਪਰ੍ਹੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਤੁਸੀਂ ਸਿਰਫ ਆਪਣੇ ਸੁਪਨਿਆਂ ਬਾਰੇ ਹੀ ਨਹੀਂ, ਸਗੋਂ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨਸਾਥੀ ਦੇ ਸੁਪਨਿਆਂ ਨੂੰ ਵੀ ਸਾਕਾਰ ਕਰਨ ‘ਚ ਖਰੇ ਉਤਰੋ ਤਾਂ ਮਜ਼ਾ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਇਕ ਖੁਸ਼ਹਾਲ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਜਿਊਣ ਦਾ। ਅਜਿਹਾ ਨਾ ਹੋਵੇ ਕਿ ਉਹ ਤੁਹਾਡੇ ਸੁਪਨੇ ਪੂਰੇ ਕਰਦਾ ਰਹੇ ਅਤੇ ਤੁਹਾਡਾ ਰਵੱਈਆ ਤੁਹਾਡੇ ਜੀਵਨਸਾਥੀ ਪ੍ਰਤੀ ਉਦਾਸੀਨ ਹੋਵੇ। ਜੇਕਰ ਤੁਹਾਡੇ ਜੀਵਨਸਾਥੀ ‘ਚ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਗੁਣ ਹਨ ਤਾਂ ਉਹ ਤੁਹਾਡੇ ਲਈ ਪਰਫੈਕਟ ਹੈ, ਤੁਸੀਂ ਉਸ ਨੂੰ ਜੀਵਨਸਾਥੀ ਦੇ ਰੂਪ ‘ਚ ਹਾਸਲ ਕਰਕੇ ਖੁਦ ਨੂੰ ਕਿਸਮਤ ਵਾਲੇ ਮੰਨੋਗੇ।

• ਉਹ ਤੁਹਾਡੇ ਨਾਲ ਬਹੁਤ ਪਿਆਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਤੁਹਾਨੂੰ ਉਸ ਦੇ ਪਿਆਰ ‘ਚ ਡੁੱਬ ਕੇ ਇਹ ਅਹਿਸਾਸ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਤੁਸੀਂ ਦੁਨੀਆ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਖੂਬਸੂਰਤ ਅਤੇ ਖੁਸ਼ਕਿਸਮਤ ਔਰਤ ਹੋ।

• ਉਹ ਬਹੁਤ ਈਮਾਨਦਾਰ ਹੈ ਅਤੇ ਤੁਹਾਡੀ ਬਹੁਤ ਕਦਰ ਕਰਦਾ ਹੈ। ਅਹਿਮ ਮਾਮਲਿਆਂ ‘ਚ ਤੁਹਾਡੀ ਰਾਏ ਨੂੰ ਨਜ਼ਰ ਅੰਦਾਜ਼ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ। ਉਹ ਆਪਣੀ ਨੌਕਰੀ ਅਤੇ ਕੰਮ ਪ੍ਰਤੀ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਮਰਪਿਤ ਹੈ।

• ਸਿਗਰਟਨੋਸ਼ੀ, ਸ਼ਰਾਬ, ਚੁਗਲੀ ਤੇ ਹੋਰ ਬੁਰਾਈਆਂ ਦਾ ਉਸ ਦੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ‘ਚ ਕੋਈ ਸਥਾਨ ਨਹੀਂ ਹੈ।

• ਉਹ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ‘ਚ ਅਗਾਂਹ ਵਧਣਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਤੁਹਾਨੂੰ ਹੋਰ ਵਧੇਰੇ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਦੇਣਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹੈ।

• ਉਹ ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀ ਅਹਿਮੀਅਤ ਨੂੰ ਜਾਣਦਾ ਹੈ। ਤੁਹਾਡੇ ਪਰਿਵਾਰ ਦੀ ਇੱਜ਼ਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਮੰਨਦਾ ਹੈ। ਉਹ ਪਰਿਵਾਰਕ ਭਾਵਨਾਵਾਂ ਤੇ ਤੁਹਾਡੇ ਨਜ਼ਰੀਏ ਦੀ ਕਦਰ ਕਰਦਾ ਹੈ।

• ਉਸ ਨੂੰ ਤੁਹਾਡੇ ‘ਤੇ ਅਤੇ ਤੁਹਾਨੂੰ ਉਸ ‘ਤੇ ਪੂਰਾ ਭਰੋਸਾ ਹੈ। ਉਸ ਨਾਲ ਤੁਸੀਂ ਖੁਦ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਦੇ ਹੋ।

• ਤੁਹਾਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਕਦੇ ਵੀ ਤੁਹਾਡਾ ਸਾਥ ਨਹੀਂ ਛੱਡੇਗਾ, ਕਦੇ ਤੁਹਾਡੇ ‘ਤੇ ਸ਼ੱਕ ਨਹੀਂ ਕਰੇਗਾ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਦੂਜਿਆਂ ਦੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ‘ਚ ਆ ਕੇ ਤੁਹਾਡੇ ‘ਤੇ ਉਂਗਲੀ ਚੁੱਕੇਗਾ। ਤੁਹਾਡੇ ਚਿਹਰੇ ‘ਤੇ ਮੁਸਕਰਾਹਟ ਲਿਆਉਣ ਲਈ ਉਹ ਕੁਝ ਵੀ ਕਰ ਸਕੇਗਾ।

• ਉਹ ਆਪਣੀਆਂ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਦਿਲੋਂ ਨਿਭਾਉਣਾ ਜਾਣਦਾ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਵੀ ਕਰੇ। ਉਸ ਨਾਲ ਬਿਤਾਇਆ ਹਰ ਪਲ ਤੁਹਾਡੇ ਲਈ ਅਨਮੋਲ ਹੋਵੇ।

• ਆਪਣੇ ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਮੈਂਬਰਾਂ ਨਾਲ ਤਾਲਮੇਲ ਬਿਠਾਉਣ ‘ਚ ਤੁਹਾਡੀ ਪੂਰੀ ਮਦਦ ਕਰੇ ਤਾਂਕਿ ਤੁਹਾਨੂੰ ਆਪਸੀ ਤਾਲਮੇਲ ਬਿਠਾਉਣ ‘ਚ ਮੁਸ਼ਕਲ ਨਾ ਹੋਵੇ।

ਇਹ ਤਾਂ ਰਹੀਆਂ ਤੁਹਾਡੇ ਜੀਵਨਸਾਥੀ ਦੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਪਰ ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕਸੌਟੀ ‘ਤੇ ਖਰੇ ਉਤਰਦੇ ਹੋ। ਇਸ ਦੇ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਤੁਹਾਡਾ ਸਾਥ ਅਤੇ ਦਿਲੋਂ ਹਰੇਕ ਗੱਲ ਲਈ ਸਮਰਪਣ ਦੀ ਭਾਵਨਾ।

ਧੰਨਵਾਦ ਸਾਹਿਤ ਜਗ ਬਾਣੀ 'ਚੋਂ ਜੂਨ 2011

Monday, February 21, 2011

ਜੀਵਨ ਸਾਥੀ ਦੀ ਸਹੀ ਚੋਣ ਕਰੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿਚ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਦਾ ਰਾਹ ਪੱਧਰਾ - ਯਸ਼ਪਾਲ ਗੁਲਾਟੀ

ਜਵਾਨੀ ਦੇ ਰੰਗਲੇ ਵਿਹੜੇ 'ਚ ਪੈਰ ਧਰਦਿਆਂ ਹੀ ਅਕਸਰ ਹਰ ਲੜਕੀ-ਲੜਕੇ ਦੀ ਦਿਲੀ ਚਾਹਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਦਾ ਜੀਵਨ ਸਾਥੀ ਅਜਿਹਾ ਹੋਵੇ, ਜੋ ਉਸ ਦੇ ਸੁਪਨਿਆਂ 'ਤੇ ਖਰਾ ਉਤਰਦਾ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਜਿਸ ਸੰਗ ਚਲਦਿਆਂ ਜੀਵਨ ਭਰ ਦਾ ਸਮੁੱਚਾ ਪੈਂਡਾ ਖੁਸ਼ੀ-ਖੁਸ਼ੀ ਬਤੀਤ ਹੋ ਜਾਵੇ।

ਕੁਝ ਦਹਾਕੇ-ਸਾਲ ਪਹਿਲਾਂ ਤਾਂ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਲੜਕੀ-ਲੜਕੇ ਨੂੰ ਇਕ-ਦੂਜੇ ਨਾਲ ਗੱਲਬਾਤ ਕਰਨ, ਦੇਖਣ, ਪਰਖਣ ਦੀ ਵੀ ਇਜਾਜ਼ਤ ਨਹੀਂ ਸੀ ਹੁੰਦੀ। ਬੱਸ ਵਿਚੋਲਾ ਜਾਂ ਪਿੰਡ ਦਾ ਰਾਜਾ (ਨਾਈ) ਹੀ ਮਾਪਿਆਂ ਦੀ ਸਹਿਮਤੀ ਨਾਲ ਲੜਕੀ-ਲੜਕੇ ਦੀ ਤਲੀ 'ਤੇ ਗੁੜ ਦੀ ਭੇਲੀ, ਰੁਪਿਆ ਧਰ ਕੇ ਗੱਲ ਪੱਕੀ ਕਰ ਆਉਂਦਾ ਸੀ। ਵਿਆਹ ਸਬੰਧੀ ਫੈਸਲਿਆਂ 'ਚ ਸਿਰਫ ਪਰਿਵਾਰਕ ਮੁਖੀਆਂ, ਵਿਚੋਲਿਆਂ ਦੀ ਹੀ ਰਾਏ ਮੰਨੀ ਜਾਂਦੀ ਅਤੇ ਲੜਕੀ-ਲੜਕੇ ਨੂੰ ਇਸ ਫੈਸਲੇ ਤੋਂ ਦੂਰ ਹੀ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਸੀ, ਭਾਵੇਂ ਕਿ ਇਹ ਮਾਮਲਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਭਰ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹੁੰਦਾ ਸੀ। ਸਮਾਂ ਬੀਤਣ, ਵਿੱਦਿਆ ਦਾ ਪਸਾਰ, ਸਮੇਂ ਦੀ ਮੰਗ ਅਨੁਸਾਰ ਅਜੋਕੇ ਪੜ੍ਹੇ-ਲਿਖੇ ਸਮਾਜ ਵਿਚ ਲੜਕੇ-ਲੜਕੀ ਦੀ ਪਸੰਦ, ਰਾਏ ਨੂੰ ਵੀ ਪ੍ਰਮੁੱਖਤਾ ਦਿੱਤੀ ਜਾਣ ਲੱਗੀ ਹੈ। ਹੁਣ ਤਾਂ ਦੇਖਣ ਵਾਲੀ ਗੱਲ ਹੈ ਕਿ ਜਿਥੇ ਪਹਿਲਾਂ-ਪਹਿਲ ਮਾਪੇ ਆਪਣੇ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਮਿਲਾਉਂਦੇ ਸਨ, ਉਥੇ ਹੀ ਹੁਣ ਬੱਚੇ ਆਪਣੇ-ਆਪ ਹੀ ਵਿਆਹ ਸਬੰਧੀ ਫੈਸਲਾ ਕਰ ਮਾਪਿਆਂ ਨੂੰ ਮਿਲਾਉਣ ਲੱਗੇ ਹਨ। ਗੱਲ ਕੀ... ਹੁਣ ਦੇ ਪੜ੍ਹੇ-ਲਿਖੇ ਨੌਜਵਾਨ ਵਿਆਹ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਇਕ-ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਘੋਖਣ-ਪਰਖਣ 'ਚ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਰੱਖਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹ ਰੁਝਾਨ ਸਹੀ ਵੀ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਸਾਰੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਇਕੱਠਿਆਂ ਰਹਿਣਾ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਹਿਮਤੀ-ਅਸਹਿਮਤੀ ਪ੍ਰਗਟਾਉਣ ਦੀ ਪੂਰੀ ਖੁੱਲ੍ਹ ਵੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ।

ਅਕਸਰ ਕਈ ਵਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਜਦ ਰਿਸ਼ਤੇ ਪ੍ਰਤੀ ਗੱਲਬਾਤ ਸ਼ੁਰੂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਲੜਕੇ ਜਾਂ ਲੜਕੀ ਦਾ ਜਵਾਬ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਅਜੇ ਤਾਂ ਮੈਂ ਸ਼ਾਦੀ ਬਾਰੇ ਸੋਚਿਆ ਵੀ ਨਹੀਂ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਫੈਸਲਾ ਲਿਆ ਹੈ, ਜਿਸ ਤੋਂ ਮਾਪਿਆਂ ਨੂੰ ਸੁਭਾਵਿਕ ਹੀ ਕੁਝ ਪ੍ਰੇਸ਼ਾਨੀ ਜ਼ਰੂਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਪਰ ਦੇਖਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਇਸ ਪਿੱਛੇ ਲੜਕੀ-ਲੜਕੇ ਦੀ ਕਨਫਿਊਜ਼ਨ ਭਰੀ ਧਾਰਨਾ ਛੁਪੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਦੇ ਚਲਦਿਆਂ ਉਹ ਸੋਚਦੇ ਹਨ ਕਿ ਉਹ ਸ਼ਾਦੀ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਘਰ ਵਿਚ ਬੱਝ ਕੇ ਬੈਠ ਜਾਣਗੇ, ਆਜ਼ਾਦੀ 'ਤੇ ਪਾਬੰਦੀ ਲੱਗ ਜਾਵੇਗੀ ਆਦਿ ਅਤੇ ਇਸੇ ਕਨਫਿਊਜ਼ਨ ਸਮੇਂ ਦੌਰਾਨ ਸਹੀ ਫੈਸਲਾ ਨਾ ਲੈ ਸਕਣ ਕਰਕੇ ਉਹ ਵਧੀਆ-ਯੋਗ ਜੀਵਨ ਸਾਥੀ ਪਾਉਣ ਦਾ ਮੌਕਾ ਵੀ ਹੱਥੋਂ ਕੱਢ ਬੈਠਦੇ ਹਨ।

ਰਿਸ਼ਤੇ ਦੀ ਗੱਲ ਤੁਰਨ, ਵੇਖੋ-ਵਿਖਾਈ ਦੀ ਰਸਮ ਦੇ ਚੱਲਦਿਆਂ ਕਈ ਵਾਰ ਲੜਕੀ-ਲੜਕੇ ਦੇ ਮਨ 'ਤੇ ਸੋਚ ਭਾਰੂ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਕਿ ਜਦ ਹੁਣ ਤੱਕ ਮੇਰੀ ਸਾਹਮਣੇ ਵਾਲੇ ਨਾਲ ਨਾ ਹੀ ਕੋਈ ਗੱਲਬਾਤ, ਮੁਲਾਕਾਤ, ਜਾਣ-ਪਛਾਣ ਹੋਈ ਹੈ ਪਰ ਹੁਣ ਮੈਂ ਕੁਝ ਹੀ ਮਿੰਟਾਂ ਵਿਚ ਕਿਵੇਂ ਪਤਾ ਕਰਾਂ ਕਿ ਉਸ ਦਾ ਸੁਭਾਅ, ਅਸੂਲ, ਵਿਚਾਰ ਮੇਰੇ ਨਾਲ ਮੇਲ ਖਾਂਦੇ ਹਨ ਜਾਂ ਨਹੀਂ? ...ਤੇ ਹਾਂ! ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਵੀ ਇਸ ਕਿਸਮ ਦੀ ਕਨਫਿਊਜ਼ਨ ਭਰੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿਚ ਹੋ ਤਾਂ ਆਓ ਕੁਝ ਅਜਿਹੇ ਨੁਕਤਿਆਂ ਬਾਰੇ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, ਜਿਸ ਰਾਹੀਂ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵਨ ਸਾਥੀ ਸਬੰਧੀ ਸਹੀ ਫੈਸਲਾ, ਚੋਣ ਕਰਕੇ ਆਪਣਾ ਵਿਵਾਹਿਕ ਜੀਵਨ ਸੁਖੀ ਬਣਾ ਸਕਦੇ ਹੋ।

ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਜਾਣਨਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਕਿ ਤੁਹਾਡੇ ਸੰਭਾਵਿਤ ਜੀਵਨ ਸਾਥੀ ਦੇ ਵਿਆਹ ਬਾਰੇ ਕੀ ਵਿਚਾਰ ਹਨ ਅਤੇ ਉਸ ਉੱਪਰ ਕਿਸੇ ਕਿਸਮ ਦਾ ਦਬਾਅ ਜਾਂ ਲਾਲਚ ਭਾਵਨਾ ਤਾਂ ਨਹੀਂ? ਇਸ ਬਾਰੇ ਜ਼ਰੂਰ ਚਰਚਾ ਕਰੋ ਕਿ ਤੁਹਾਡੇ ਭਵਿੱਖ ਸਬੰਧੀ ਕੀ ਸੁਪਨੇ ਜਾਂ ਵਿਚਾਰ ਹਨ? ਉਸ ਦੀ ਪਸੰਦ, ਨਾਪਸੰਦ, ਵਿਚਾਰ, ਪੜ੍ਹਾਈ ਬਾਰੇ ਪੁੱਛੋ, ਜਿਸ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਉਸ ਦੇ ਰਹਿਣ-ਸਹਿਣ, ਸੁਭਾਅ, ਬੋਲਣ ਸ਼ੈਲੀ ਅਤੇ ਹੋਰ ਗੱਲਾਂ ਬਾਰੇ ਵੀ ਜਾਣ ਸਕਦੇ ਹੋ।

ਸਾਹਮਣੇ ਵਾਲੇ ਦੇ ਹੇਅਰ ਸਟਾਈਲ, ਨੈਣ-ਨਕਸ਼ਾਂ, ਸੁੰਦਰਤਾ, ਪਹਿਰਾਵੇ ਦੀ ਝੂਠੀ ਪ੍ਰਸੰਸਾ ਦੇ ਪੁਲ ਬੰਨ੍ਹਦਿਆਂ ਉਸ ਦਾ ਦਿਲ ਜਿੱਤਣ ਜਾਂ ਵਡਿਆਉਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਨਾ ਕਰੋ, ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਦਾ ਤੁਹਾਡੇ ਪ੍ਰਤੀ ਉਸ ਦੇ ਜ਼ਿਹਨ ਉੱਪਰ ਗ਼ਲਤ ਅਸਰ ਪੈ ਸਕਦਾ ਹੈ।
ਇਸ ਸਮੇਂ ਗੱਲਬਾਤ ਦੌਰਾਨ ਘੜੀ-ਮੁੜੀ ਆਪਣੀ ਅਮੀਰੀ, ਪੜ੍ਹਾਈ, ਸਟੇਟਸ, ਗੱਡੀਆਂ, ਕਾਬਲੀਅਤ ਜਾਂ ਬੈਂਕ ਬੈਲੇਂਸ ਦਾ ਬਖਿਆਨ ਕਰ ਆਪਣੇ ਮੂੰਹੋਂ ਮੀਆਂ ਮਿੱਠੂ ਬਣਨ ਤੋਂ ਗੁਰੇਜ਼ ਕਰੋ।

ਸਭ ਤੋਂ ਅਹਿਮ ਨੁਕਤਾ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਨਾਲ ਜ਼ਰੂਰ ਵਿਚਾਰ ਕਰੋ ਕਿ ਮੰਨ ਲਓ ਤੁਹਾਡਾ ਵਿਆਹ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਪਰਿਵਾਰ, ਕੰਮਕਾਰ, ਕੈਰੀਅਰ ਜਾਂ ਭਵਿੱਖ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਐਡਜਸਟ ਕਰੋਗੇ? ਤਾਂ ਕਿ ਬਾਅਦ ਵਿਚ ਹੋ ਸਕਣ ਵਾਲੇ ਫਜ਼ੂਲ ਝਗੜਿਆਂ ਦੀ ਨੌਬਤ ਹੀ ਨਾ ਆਵੇ।
ਉਪਰੋਕਤ ਕੁਝ ਨੁਕਤਿਆਂ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਗੋਚਰੇ ਰੱਖਦਿਆਂ ਤੁਸੀਂ ਕੁਝ ਹੀ ਸਮੇਂ ਵਿਚ ਆਪਣੇ ਸੰਭਾਵਿਤ ਜੀਵਨ ਸਾਥੀ ਬਾਰੇ ਸਰਲਤਾ-ਸਫਲਤਾਪੂਰਵਕ ਫੈਸਲਾ ਕਰਦਿਆਂ ਸੁਖਦ ਜੀਵਨ ਸਾਥੀ ਦੀ ਚੋਣ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹੋ ਅਤੇ ਸਾਰੇ ਭਲੀਭਾਂਤ ਜਾਣਦੇ ਹਨ ਕਿ ਸਹੀ ਜੀਵਨ ਸਾਥੀ ਦੀ ਚੋਣ ਜੀਵਨ ਭਰ ਲਈ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਦੀ ਗਾਰੰਟੀ ਵਾਂਗ ਹੁੰਦੀ ਹੈ।

-ਮਸੀਤਾਂ ਰੋਡ, ਕੋਟ ਈਸੇ ਖਾਂ (ਮੋਗਾ)। ਮੋਬਾ: 98726-48140

ਧੰਨਵਾਦ ਸਾਹਿਤ ਅਜੀਤ ਜਲੰਧਰ ‘ਚੋਂ 17.02.2011

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