- महिलाओं को मधुमेह की जांच अवश्य करानी चाहिए।
- स्तन कैंसर महिलाओं के लिए गंभीर समस्या हो सकती है।
- खुद को स्वस्थ रखने के लिए अपनी स्वास्थ्य जांच जरूर करवाएं।
- खानपान का खास खयाल रखें जिससे बीमारियों से बचाव हो सके।
महिलाएं अपने
स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा कम सचेत रहती हैं जिसकी वजह से वे बीमारियों के चपेट में
आसानी से आ जाती हैं। हर महिला को साल में एक बार कुछ जरूरी जांच अवश्य करानी
चाहिए जिससे बीमारियों के शुरुआत में ही इसका पता चल जाए और इसका इलाज किया जा
सके।
कुछ खास
बीमारियों का खतरा महिलाओं को होता है जैसे स्तन कैंसर, हडिडयों से जुड़ी समस्या या थायराइड जिसकी जांच जरूरी है।
इससे आप इन समस्याओं के गंभीर परिणाम से आसानी से बच सकती हैं। आइए जानें महिलाओं
के लिए जरूरी जांच कौन सी हैं।
स्तन कैंसर की
जांच
महिलाओं को
समय-समय पर अपने स्तनों की जांच करानी चाहिए। अगर आप खुद को स्तनों में किसी
प्रकार परिवर्तन या गांठ महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपंर्क करें। इसके अलावा
40 से 50 साल के मध्य की महिला को हर 2 साल के बाद मैमोग्राफी जरूर करवानी चाहिए,
खासकर तब जब आपके यहां परिवार के इतिहास में स्तन
कैंसर पहले से हो चुका हो।
ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस
जो महिलाओं की आम समस्या है। यह समस्या महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद कैल्शियम
की कमी के कारण होती है। इस बीमारी में हड्डियां कमजोर हो जाती है। महिलाओं में
कैल्शियम की कमी के कारण यह समस्या होती है और जब तक इस बीमारी का पता चलता है,
तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
मधुमेह
महिलाओं में 40
से 50 साल की उम्र में मधुमेह होने की आशंका अधिक होती है। मधुमेह एक ऐसी बीमारी
है जिसकी शिकार महिलाएं भी होती है। मधुमेह के दौरान शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो
जाता है़ जिससे पेंक्रियाज सुचारू रूप से काम करना बंद कर देता है। इसलिए आपको साल
में एक बार महिलाओं की ब्लड शुगर की जांच जरूर करवानी चाहिए।
एनीमिया
आमतौर पर महिलाओं
में खून की कमी पाई जाती है। लेकिन अगर आपके घर की महिला अक्सर या नियमित रूप से
थका-थका सा महसूस करती हैं या उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है तो उसका
एनीमिया परीक्षण जरूर करवाना चाहिए। इस टेस्ट से रक्त में आयरन और लाल कोशिकाओं
के स्तर को मापने में मदद मिलती है।
डिप्रेशन
आजकल की जीवनशैली
और आराम की कमी के कारण महिलाएं डिप्रेशन का शिकार हो जांती है। इसलिये डिप्रेशन
को कम करने के लिए महिलाओं को स्क्रीनिंग टेस्ट करवाना बहुत जरूरी होता है।
स्क्रीनिंग टेस्ट के दौरान डॉक्टर नींद की आदतों, जिन्दगी की परेशानियों, दबी हुई इच्छाओं और पसंदीदा एक्टिविटी आदि के बारे में
सवाल पूछता है जिससे महिलाओं का डिप्रेशन कम होने लगता हैं।
हाइपोथायराइडिज्म
हाइपोथायराइडिज्म
की समस्या लगभग हर दूसरी महिला पीड़त होती है। यह बीमारी थायरॉक्सिन हार्मोन कम
बनने के कारण होती। हाइपोथायराइडिज्म की समस्या किसी महिला को हैं या नहीं इसके
लिए साल में एक बार टी.एस.एच. टेस्ट जरूर करवाएं। अगर आपका वजन बिना किसी कारण
बढ़ता जा रहा है या उसे सर्दी, थकान, कब्ज की शिकायत लगातार बनी रहती हैं। तो यह
लक्षण हाइपोथायराइडिज्म के हैं, ऐसे में जांच
जरूर करवाएं।