Tuesday, August 26, 2014

माहवारी पर पड़ता है रोजमर्रा की इन दस चीजों का असर

माहवारी पर असर
कई महिलाएं पीरियड्स में बदलाव जैसे भारी, हल्‍का या लगातार कम होने की समस्‍या से जूझ रही हैं। लेकिन शर्म या संकोच के कारण इस समस्‍या के बारे में किसी से बात नहीं करतीं। वैसे तो समय पर माहवारी न होना कोई भंयकर समस्‍या नहीं है, लेकिन कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी गंभीर समस्‍याओं का कारण बन सकती है। इसलिए इसके कारणों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। और इसके कारण आपको अपनी रोजमर्रा में होने वाली चीजों में देखने को मिल जायेगा।

तनाव
तनाव का माहवारी के लिए जिम्‍मेदार हार्मोंन एस्‍ट्रोजन और प्रोजेस्‍टेरोन पर सीधा असर पड़ता है। जिससे रक्तस्त्राव में अनियमितता आती है और माहवारी चक्र अनियमित होने लगता है। इस समस्‍या को आप योग और ध्यान के माध्‍यम से कम कर सकती हैं।

अत्‍यधिक व्यायाम
अधिक एक्‍सरसाइज से हॉर्मोनल संतुलन में बदलाव आने लगता है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन आपकी मासिक धर्म प्रक्रिया को सामान्य रखता हैं और जरूरत से ज्यादा व्यायाम से एस्ट्रोजन की संख्या में वृद्घि होने से पीरियड्स में बदलाव आने लगता है।

खान-पान का असर
आपके आहार से भी माहवारी प्रभावित होती है। कई बार हम अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ा देते हैं, जिससे शरीर में हार्मोंन के स्‍तर में परिवर्तन आने लगता है। इसका असर आपकी माहवारी पर पड़ने लगता है और वह अनियमित हो जाती हैं।

ज्‍यादा शराब पीना
शराब सेवन और शराब पीने पर नेशनल इंस्टिट्यूट के अनुसार, शराब का अत्‍यधिक सेवन लीवर और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाकर, नियमित मासिक धर्म चक्र का कारण बनता है। शराब अस्थायी रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में वृद्धि कर देता है, जिससे ओवुलेशन के लिए आवश्यक सामान्य हार्मोनल उतार चढ़ाव बाधित हो जाता है।

पीसीओएस
पीसीओएस(PCOS) ओवरी में सिस्‍ट और उसके कारण सही समय पर माहवारी का न आना पीसीओएस कहलाता है। हार्मोन में जरा सा भी बदलाव मासिक धर्म चक्र पर तुरंत असर डालता है। चेहरे पर बाल उग आना, मुंहासे होना, पिगमेंटेशन, अनियमित रूप से माहवारी आना, यौन इच्छा में अचानक कमी आ जाना, गर्भधारण में मुश्किल होना, आदि कुछ ऐसे लक्षण हैं। यह समस्‍या लगभग 10 प्रतिशत महिलाओं को प्रसव उम्र में प्रभावित करती है।

थायरॉयड
थायरॉयड के कारण भी मासिक धर्म असामान्‍य हो जाता है, इसके कारण पीरियड्स चक्र पर असर पड़ता है। ऐसे में खून की जांच करा लेना ठीक रहता है, जिससे असामान्य मासिक स्राव के सही कारण का पता चल जाता है।

बीमारियां और दवायें
कुछ बीमारियां और दवायें भी एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के लेवर पर असर डालती हैं। दवा ऑव्युलेशन की प्रक्रिया को भी प्रभावित करती हैं। अगर आपकी कोई बीमारी अनियमित माहवारी का कारण बनती है, तो आपको चिकित्‍सक की सलाह लेनी चाहिए।

थकान
थकान भी अनियमित माहवारी के लिए जिम्‍मेदार होता है। भोजन, पानी और आराम की कमी से मासिक धर्म चक्र प्रभावित होता है। इसलिए अनियमित माहवारी की समस्‍या से बचने के दिन भर की गतिविधियों में से अपने लिए पर्याप्‍त समय निकालें और भरपूर नींद लें।

संक्रमण
वैसे तो संक्रमण आपके मासिक चक्र और हार्मोंन के स्‍तर को प्रभावित नहीं करता है लेकिन यह ब्‍ल‍ीडिंग का कारण बनकर मासिक को सामान्‍य से अधिक बार ला सकता है। बैक्टीरियल संक्रमण, श्रोणि सूजन बीमारी, और यौन संचारित संक्रमण गर्भाशय के अंदर सूजन और खून को पैदा कर सकता है।

शिफ्ट कार्य
119,000 महिलाओं पर हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जो महिलाएं रात और शाम की शिफ्ट में काम करती हैं, उनमें अनियमित और उतार चढ़ाव के रूप में मासिक धर्म की समस्याओं का खतरा अन्‍य महिलाओं की तुलना में लगभग 33 प्रतिशत अधिक होता है।

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