प्रेग्नेंसी और
चुनौतियां
प्रेग्नेंट महिला के लिए हर रोज चुनौती वाला होता है।
प्रेग्नेंट होने के बाद जेसे-जैस समय बीतता है उसी तरह महिला की दुविधायें बढ़ती
जाती हैं। यह तब तक चलता है जब तक डिलीवरी न हो जाए। मां बनना अपने आप में एक बड़ी
जिम्मेदारी है। आइए हम आपको बताते हैं कि हर महीने महिला को कितनी दुविधाओं का
सामना करना पड़ता है।
पहला महीना
प्रेग्नेंसी टेस्ट किट से जांच के बाद अगर प्रेग्नेंसी
निश्चित हो जाए तो महिला को खान-पान से लेकर दिनचर्या में बदलाव लाना पड़ता है। इस
महीने से महिला को पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। ऐसे में भारी सामान उठाने से
परहेज करें।
दूसरा महीना
इस महीने में त्वचा का रंग भी बदल जाता है। प्रेग्नेंसी
के दूसरे महीने में भ्रूण के शरीर के कई अंगों का विकास होता है। इसी महीने बच्चे
के सिर और पैर की स्थितियों का पता भी चलता है। इसलिए प्रोटीन और कैल्शियमयुक्त
आहार ज्यादा खाना चाहिए।
तीसरा महीना
तीसरे महीने में भ्रूण की हड्डियों का विकास होना शुरू हो
जाता है। बच्चे के कान और बाहरी अंगों का निर्माण होता है। इस समय बच्चे का सर
शरीर का सबसे बड़ा भाग होता है। ऐसे में गर्भवती महिला को 15 से 20 मिनट तक धूप में
रहना चाहिए।
चौथा महीना
चौथे महीने में शिशु के हार्मोन का निर्माण होने लगता है और
बच्चा के शरीर से एमनियोटिक द्रव भी निकलने लगता है। इस समय बच्चे का वज़न लगभगग
85 ग्राम तक होता है।
आप व्यायाम करती हैं तो जिम ट्रेनर के निर्देशन में व्यायाम करें।
पांचवा महीना
पांचवे महीने में बच्चे की लंबाई तेजी से बढ़ती है। इस
दौरान बच्चे की लंबाई लगभग 25 सेंटीमीटर होती
है। इस समय फीटल किक का भी एहसास होने लगता है। इस महीने बच्चे के हाथों और पैरों
के पैड और उंगलियों का विकास होता है।
छठा महीना
इस महीने से खास ध्यान देने की जरूरत होती है। इस मंथ
प्रीमैच्योर डिलीवरी होने की संभावना होती है। इस समय बच्चे के शरीर में ब्राउन
वसा बननी शुरू हो जाती है, जिससे बच्चे के
शरीर का ताप नियंत्रित रहता है। इस समय बच्चे की आंखों का विकास हो जाता है।
आठवां महीना
आपका शिशु, अब किसी भी समय इस
नई दुनिया में प्रवेश कर सकता है,लेकिन वो जितना समय आपके गर्भ में बिताएगा, बच्चे के स्वास्थ्य
के लिए यह उतना ही अच्छा रहेगा। अब बच्चे का पूरा विकास हो चुका है। आपका इस समय
ज्यादा मूव नही कर सकती हैं इसलिए एक जगह बैठे-बैठे बोरियत महसूस होती है।
नौवां महीना
चिकित्सक ने शायद आपको प्रसव का दिन बता दिया हो। आपका
शिशु कभी भी इस दुनिया में कदम रख सकता है। यह खुशी के साथ ही खतरों का भी समय है।
बच्चे का वज़न अब 7 पाउंड तक हो सकता है। नौवें महीने में हर रोज आप चिकित्सक
के संपर्क में रहिए। ज्यादा से ज्यादा आराम कीजिए।