- थायराइड का गर्भावस्था पर पड़ता है असर।
- इसके कारण बढ़ता है गर्भपात का खतरा।
- थायराइड के कारण अनीमिया और संक्रमण की आशंका।
- गर्भधारण से पहले थायराइड की जांच करवाना बेहतर।
अगर आप इस बात से
चिंतित है कि थायरायड का आपकी प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पड़ रहा है तो कंसिव करने
से पहले थायराइड की समस्याओं को सुलझाना आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।
थायराइड ग्रंथि का प्रजनन में अहम किरदार होता है।
हार्मोनल असंतुलन
थायराइड की समस्याओं के लिए एक ट्रिगर के रूप में कार्य कर सकते हैं। यह जानने से
पहले कि थायराइड के कौन-कौन से ऐसे कारण्ा है जो आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित
करते है, हम सब से पहले थाइराइड के
कार्यों के बारें में पता कर लेते है जो बहुत महत्वपूर्ण है। आइए जानें-
थायराइड गले में
तितली के आकार की ग्रंथि है। आप में से कुछ लोगो को शायद यह पता भी नही होगा कि
ऐसी कोई ग्रंथि भी होती है। लेकिन ऐसा है और अगर यह ठीक से काम नहीं करती तो आप
गर्भ धारण करने के लिए और एक स्वस्थ गर्भावस्था के लिए सक्षम नहीं हो सकती है।
आइए जानें
थायराइड प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित करता हैं। थायराइड आम तौर पर दो प्रकार
(अन्डर एक्टिव थायराइड) हाइपोथायरायडिज्म और (ओवर एक्टिव थायराइड)
हाइपरथायरायडिज्म का होता हैं। इन दोनो थायराइड में ही प्रजनन समस्याएं आती है।
महिलाओं जिनको
हाइपोथायरायडिज्म होता है उनको प्रजनन के सम्बन्ध में थोड़ी अधिक कठिनाइयों का
सामना करना पड़ता है। यह बहुत आवश्यक है कि जो महिलाएं गर्भवती बनने पर विचार कर
रही है उनको सबसे पहले इस बीमारी के लिए उचित चिकित्सा उपचार लेना चाहिए। तीव्र
हाइपोथायरायडिज्म के उपचार के अभाव में बच्चे के विकास में अनके प्रकार की समस्याएं
आती है, जैसे- बच्चा में कम
बुद्धि, बौनापन, बच्चों के अंगो का ठीक प्रकार से न बनाना आदि।
स्टील बर्थ और गर्भपात की घटनाएं भी हाइपोथायरायडिज्म के इलाज के अभाव में
महिलाओं के साथ में बढ़ रही हैं।